अब एलएसी से हटेंगे भारत-चीन के सैन्य हथियार, लेकिन चीन पर विश्वास नहीं

11/07/2020,11:51:41 AM.

– फिंगर एरिया को पूरी तरह खाली कराने के लिए जल्द होगी कोर कमांडर स्तर की बैठक
– एलएसी से सैनिकों और सैन्य हथियारों को हटाने का बनेगा रोडमैप
नई दिल्ली (एजेंसी)। पैंगोंंग झील के फिंगर एरिया को पूरी तरह खाली कराने के लिए जल्द ही कोर कमांडर स्तर की बैठक होने वाली है। लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के कमांडरों की इस बैठक में भारत-चीन के सैनिकों और सैन्य हथियारों को एलएसी से हटाने के लिए तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाएगा। युद्ध स्तर की तैयारी के तहत अभी भी यहां भारी संख्या में तोप, टैंक, मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर, फाइटर जेट तैनात हैं। हालांकि सैन्य हथियार हटाने की तैयारी है लेकिन चीन के इरादे को लेकर भारत सशंकित है और उस पर विश्वास करने से पहले उसकी तरफ से ठोस पहल की मांग कर रहा है।

हालांकि पूर्वी लद्दाख की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से भारत और चीन के सैनिकों को पीछे करने की प्रक्रिया के तहत पांचवें दिन शुक्रवार को 135 किलोमीटर लंबी ग्लेशियर झील पैंगोंग के उत्तरी तट पर आंशिक प्रगति हुई है लेकिन फिंगर-4 और फिंगर-8 के बीच 8 किमी. क्षेत्र का विवाद फिलहाल सुलझता नहीं दिखाई दे रहा है। जिस तरह दोनों सेनाओं के बीच 3 किमी. का बफर जोन गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट-14 पर बनाया गया है, उसी तरह पैंगोंग झील के फिंगर एरिया में भी बनाया जाना चाहिए।

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने फिंगर-4 के पूर्व में झील में तैनात अपनी गश्ती नौकाओं को बाहर निकाल लिया है। समझौते में भी यह बात तय हुई थी कि पीएलए के सैनिक रिजलाइन को भी खाली कर देंगे लेकिन अब इससे मुकर रहे हैैं। दरअसल भारत फिंगर-4 से 8 तक के 8 किमी. क्षेत्र को अपना मानता है, इसीलिए मई के पूर्व तक भारतीय सैनिकों का गश्ती दल वहां तक जाता था। पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित आठ पहाड़ियों को ही फिंगर-4 से 8 तक जाना जाता है।

दरअसल एलएसी फिंगर-8 से होकर गुजरती है। फिंगर-4 से आगे का क्षेत्र चट्टानी होने से सिर्फ पैदल ही आया-जाया जा सकता है। इसीलिए चीनी सैनिकों को फिंगर-4 तक आने में बड़ी मुश्किल होती थी, इसलिए मई से शुरू हुए विवाद के बीच चीनियों ने फिंगर-4 पर कब्जा जमा लिया और भारतीय गश्ती दल को इससे आगे नहीं जाने देते। 9 जुलाई को अचानक फिंगर-4 पर कब्जा जमाए बैठे चीनी सैनिक पीछे खिसककर फिंगर-5 पर चले गए और भारत को अपना ही क्षेत्र खाली करके फिंगर-3 पर आना पड़ा। अब चीनी फिंगर-5 से पीछे जाने को तैयार नहीं हैं जबकि कोर कमांडरों की बैठक में 2 मई के पूर्व की स्थिति बहाल करने का फैसला हुआ था।

सूत्रों के मुताबिक फिंगर एरिया का विवाद सुलझाने के लिए अगले हफ्ते फिर दोनों देशों के बीच कोर कमांडर स्तर की चौथी मीटिंग होगी। इससे पहले 30 जून को कोर कमांडर स्तर की मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में पैंगोंग एरिया के साथ ही एलएसी पर तैनात दोनों देशों सैनिकोंं को पीछे करने पर बात होनी है। युद्ध स्तर की तैयारी के तहत यहां भारी संख्या में तोप, टैंक, मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर, फाइटर जेट भी तैनात हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *