अल्पसंख्यक वोटरों को साधने में जुटीं ममता, बनाई नई रणनीति

03/12/2020,12:24:48 PM.

 

कोलकाता: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआइएमआइएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिहार के बाद बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी उतारने की घोषणा कर चुके हैं। इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल सकते में है।

इस बीच अल्पसंख्यक वोटों के बंटवारे को रोकने के लिए तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी भी रणनीति में जुट गई हैं। उन्होंने यहां इसको लेकर फुरफुरा शरीफ के पीरजादा तोहा सिद्धिकी के साथ बैठक की है। ममता इसी के साथ दूसरे मुस्लिम धर्मगुरुओं के भी संपर्क में हैं। हुगली जिले में स्थित फुरफुरा शरीफ मुस्लिमों का प्रमुख धार्मिक केंद्र है।

मंगलवार को फुरफुरा शरीफ के पीरजादा तोहा सिद्धिकी अपने कुछ प्रमुख लोगों के साथ राज्य सचिवालय नवान्न पहुंचे। उन्होंने मुख्यमंत्री को कई मुद्दों पर ज्ञापन भी सौंपा। हालांकि पीरजादा की ओर से दावा किया गया कि यह मुलाकात गैर राजनीतिक थी। लेकिन, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि ममता व पीरजादा के बीच मुलाकात पूरी तरह राजनीतिक व वोट केंद्रित रहीं।

मुस्लिम वोटों के बिखराव को रोकने के लिए ममता तोहा सिद्धिकी व अन्य मुस्लिम धर्मगुरुओं की मदद से एक नई पार्टी को चुनावी मैदान में उतार सकती है। इसके पीछे यह कोशिश है कि यदि तृणमूल कांग्रेस से कोई मुस्लिम मतदाता नाराज हैं तो वह उस पार्टी का समर्थन कर दें। यानी ममता की पूरी कोशिश है कि अंदरुनी गठबंधन के माध्यम से पूरा मुस्लिम वोट बैंक उनके पक्ष में बना रहे। वह किसी सूरत में ओवैसी व भाजपा को इसका फायदा नहीं उठाने देना चाहती हैं।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *