06/01/2021,9:45:54 PM.
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नई दिल्ली (एजेंसी)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक शीर्ष वैज्ञानिक ने सनसनीखेज खुलासा किया है कि तीन वर्ष पहले उसे जहर देकर मारने की कोशिश की गई। मिश्रा के अनुसार कुछ विदेशी खुफिया एजेंसियां भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने के लिए सक्रिय हैं।
अहमदाबाद स्थित स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के पूर्व निदेशक एवं इसरो के वरिष्ठ सलाहकार तपन मिश्रा ने इसरो में विदेशी घुसपैठ की आशंका व्यक्त करते हुए केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि वह अंतरिक्ष कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों का पता लगाकर उन्हें दंडित करे। उन्होंने कहा कि इसरो के 2 हजार वैज्ञानिकों को सुरक्षा देना ही पर्याप्त नहीं है।
शीर्ष वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने फेसबुक पर लिखा है कि तीन वर्ष पूर्व वह एक साक्षात्कार देने इसरो के बेंगलुरू स्थित मुख्यालय गए थे। उस समय डोसा और चटनी में आर्सेनिक ट्राईऑक्साइड नामक जहर मिलाकर उनको दिया गया। जहर घातक था तथा सुरक्षा एजेंसियों के लोगों ने इसकी पहचान की। एजेंसियों ने डॉक्टरों को जहर के बारे में विशेष जानकारी दी जिसके जरिए कारगर उपचार हो पाया। उन्होंने कहा कि वर्षों तक वह जहर के दुष्प्रभावों से जूझते रहे।
मिश्रा ने यह भी खुलासा किया कि भारतीय मूल के एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने इसरो के हालात के बारे में उन्हें मुंह बंद रखने के लिए कहा था। इसके बदले उनके बेटे को अमेरिकी शिक्षण संस्थानों में सुविधाएं प्रदान करने का प्रलोभन दिया गया था। मिश्रा ने अमेरिकी वैज्ञानिक की इस पेशकश को ठुकरा दिया। इसके कुछ घंटों बाद उन्हें स्पेस एप्लीकेशन सेंटर के निदेशक पद से हटा दिया गया। मिश्रा ने इसरो से जुड़े वैज्ञानिकों के साथ विगत दशकों मे हुए हादसों का भी जिक्र किया है।
उल्लेखनीय है कि क्रायोजेनिक इंजन के विकास में लगे वैज्ञानिक नांबी नारायणन को फर्जी जासूसी के आरोप में फंसाने के बाद यह दूसरा बड़ा मौका है जब किसी शीर्ष वैज्ञानिक ने इसरो में विदेशी खुफिया एजेंसियों की घुसपैठ की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
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