24/11/2020,7:55:39 PM.
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कोलकाता: स्वघोषित प्रभावशाली व्यवसायी सुदीप्त रॉयचौधरी को मंगलवार को ‘वसूली ’के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने ईडी के दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा किया था। हाल ही में, केंद्रीय जांच एजेंसी की ओर से विधाननगर उत्तर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गयी थी। पूछताछ के बाद, विधाननगर उत्तर थाना ने सुदीप्त को गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले उसके घर की भी तलाशी ली गई थी। इस गिरोह में और कौन है इसकी जांच की जा रही है। ईडी के दस्तावेज सुदीप्त के हाथ में कैसे आए, इसकी भी जांच की जा रही है। आरोप है कि सुदीप्त रॉयचौधरी ने रोज वैली के पैसे और अन्य चिटफंड का इस्तेमाल बेनामी संपत्ति एकत्रित करने के लिए किया।
सूत्रों के अनुसार, रोज वैली के पैसे का इस्तेमाल सुदीप्त के जरिए खपाया गया था। सुदीप्त खुद को एक व्यवसायी के रूप में पेश करता था। उन्होंने यह भी दावा किया कि तृणमूल के विभिन्न नेताओं के साथ उनके संपर्क है। कथित तौर पर, सुदीप्त ने गिरफ्तारी के समय ईडी अधिकारियों को धमकी दी थी। इस व्यापारी पर भारी मात्रा में बेनामी संपत्ति के आरोप हैं। उसके पास से तेरह बैंक खाते जब्त किए गए हैं और 25-26 क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
पता चला है कि सुदीप्त को अदालत में ले जाने के बाद, ईडी उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लेना चाहेगी। उस पर ईडी और सीबीआई को धमकी देकर पैसे लेने का भी आरोप है। अनुमान है कि गिरफ्तारी से पहले वह लगभग 100 करोड़ रुपये गबन कर गया था।
माना जा रहा है कि उससे पूछताछ करके रोज वैली के पैसे के मामले में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 430, 46, 471, 462, 474 और 120बी के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। ईडी के सहायक निदेशक रैंक के अधिकारी सुदीप्त के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। संयोग से, यह आरोप है कि चिटफंड का नकली दस्तावेजों के साथ सीधा संपर्क है। ईडी के दस्तावेजों में कई लोगों के नाम हैं और पैसे के बदले उनके नाम हटा दिए गए।
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