केंद्रीय बलों के सुरक्षा घेरे में होगा गृहमंत्री अमित शाह का बंगाल दौरा

12/12/2020,5:26:19 PM.

 

कोलकाता: कोलकाता में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले से सबक लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय, गृह मंत्री अमित शाह के प्रस्तावित बंगाल दौरे को लेकर खासा चिंता में पड़ा हुआ है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि अमित शाह की सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के स्पेशल दस्ते को तैनात किया जाएगा।

प्रोटोकॉल के मुताबिक राज्य के दौरे पर जाने वाले गृहमंत्री की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य पुलिस की होती है लेकिन केंद्र सरकार इस मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। इसलिए पश्चिम बंगाल पुलिस पर किसी भी तरह से भरोसा नहीं कर सुरक्षा की पूरी व्यवस्था केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां ही करेंगी।
गृह मंत्री अमित शाह 19-20 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल के दौरे पर आने वाले हैं।

सूत्रों के अनुसार, शाह के दौरे में जेपी नड्डा की तरह सुरक्षा में चूक न हो, इसके लिए नई सुरक्षा योजना पर काम किया जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री के पास जेड प्लस सुरक्षा कवर है। उनकी हिफाजत में 24 घंटे सीआरपीएफ के कमांडो तैनात रहते हैं। पश्चिम बंगाल में उनके प्रस्तावित दौरे में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी। सीआरपीएफ के अलावा बीएसएफ भी उनकी सुरक्षा में तैनात की जा सकती है।

सूत्रों के मुताबिक शाह की सुरक्षा के लिए संभावित है कि कुछ वाहन एवं सुरक्षा से जुड़े तकनीकी उपकरण दिल्ली से पश्चिम बंगाल में भेजे जाएं। गृह मंत्रालय ने शाह के दौरे को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार को पहले ही सूचित करने का मन बनाया है ताकि बंगाल सरकार के पास सुरक्षा में चूक संबंधी कोई बहाना बनाने का विकल्प ना बचे।

उल्लेखनीय है कि कोलकाता में गुरुवार को जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकर दिल्ली तक की राजनीति गरमा गयी है। अमित शाह खुद नड्डा के काफिले पर हुए हमले को एक सोची समझी चाल बता चुके हैं। पश्चिम बंगाल के हों डीजीपी की भूमिका को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय कोई सख्त कदम उठा सकता है। राज्यपाल ने जेपी नड्डा की सुरक्षा को लेकर मुख्य सचिव को सचेत कर दिया था। मुख्य सचिव ने राजभवन को आश्वस्त किया था कि नड्डा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम थे। इस बाबत राज्य के डीजीपी से बात हो गयी है। इसके बावजूद कुछ ही देर बाद सूचना मिली कि नड्डा के काफिले पर हमला हुआ है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि जब राज्यपाल ने खुद ही मुख्य सचिव को फोन कर हमले की आशंका जताई थी और उसके बाद भी उसे टाला नहीं जा सका, यह एक गम्भीर चिंता का विषय है। यही वजह है कि अब शाह के दौरे में इस तरह की सुरक्षा चूक बर्दाश्त नहीं करेगा।

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