कोई फेस टू फेस तो कोई फेसबुक पर भाजपा के करीबः भाजपा

15/01/2021,5:53:42 PM.

तृणमूल कांग्रेस के 41 अन्य विधायकों के भाजपा में शामिल होने का दावाः कैलाश विजयवर्गीय

कोलकाताः राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। उसके विधायकों के भाजपा में जाने को लेकर अटकलें तेज हो रही हैं। अब ऐसे में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के ममता बनर्जी से नाता तोड़ने को लेकर भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने तंज कसा है। वहीं बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने यह दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस के 41 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं।

शुक्रवार को दिलीप घोष ने कहा कि तृणमूल ने सभी नेताओं मंत्रियों विधायकों और सांसदों को पुलिस का डर दिखाकर एक साथ रखा था। लेकिन अब जब पता चल गया है कि ममता बनर्जी की सरकार रहने वाली नहीं है तो सारे बिखर रहे हैं। दरअसल तृणमूल की सांसद और अभिनेत्री शताब्दी रॉय ने फेसबुक पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया है और अब दिल्ली जा रही हैं जहां केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का कार्यक्रम है। इसे लेकर जब दिलीप घोष से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देखिए सच्चाई यह है कि कोई फेस टू फेस तो कोई फेसबुक पर भाजपा के करीब है। सच्चाई यह है कि ममता बनर्जी की पार्टी के नेताओं के बीच कभी भी तालमेल नहीं था। लाठी-डंडे पुलिस प्रशासन का डर दिखाकर सबको एक जगह रखा गया था लेकिन अब जबकि स्पष्ट है कि ममता बनर्जी की सरकार रहने वाली नहीं है तब सारे अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का अस्तित्व पांच महीने बाद रहने वाला नहीं है।

एक दिन पहले ही भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव और बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने यह दावा किया था कि तृणमूल कांग्रेस के 41 विधायक भाजपा के संपर्क में हैं जो पार्टी की सदस्यता लेना चाहते हैं। उनके नाम की सूची केंद्रीय नेतृत्व को भेजी गई है। जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

विजयवर्गीय के इस बयान से सत्तारूढ़ पार्टी में बेचैनी बढ़ गई है। उसकी वजह यह है कि इसके पहले राज्य के परिवहन मंत्री और कद्दावर नेता शुभेंदु अधिकारी की भाजपा में ज्वाइनिंग को लेकर भी विजयवर्गीय ने इसी तरह का दावा किया था। उसके बाद दिसंबर महीने की 19 तारीख को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में शुभेंदु अधिकारी ने 11 विधायकों, एक सांसद, एक पूर्व सांसद और तृणमूल कांग्रेस के 83 अन्य नेताओं के साथ भाजपा की सदस्यता ली थी। इन 83 नेताओं में से कई पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष और कुछ राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री के सलाहकार भी रह चुके हैं।

अब जबकि विजयवर्गीय ने दावा किया है कि 41 और विधायक भाजपा की सदस्यता लेने के लिए तैयार बैठे हैं तब माना जा रहा है कि आगामी 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती पर बंगाल आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में अथवा उसके बाद 30 जनवरी को आने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में कुछ और विधायक भाजपा की सदस्यता लेंगे। इससे तृणमूल कांग्रेस न केवल विधानसभा में कमजोर होगी बल्कि जमीनी तौर पर भी उसका जनाधार बहुत हद तक खिसक जाएगा।

विजयवर्गीय की तरह ही तृणमूल कांग्रेस के सांसदों के भाजपा में आने के संकेत आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी दिया है। एकदिन पहले ही उन्होंने ट्विटर पर सिर्फ एक लाइन पोस्ट किया जिसमें लिखा है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद पार्टी के खिलाफ युद्धमदेही की स्थिति में हैं। उसके बाद पार्टी की सांसद शताब्दी रॉय ने फेसबुक पर लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया था।

कैलाश विजयवर्गीय ने दावा किया है कि जो 41 विधायक भाजपा की सदस्यता लेना चाहते हैं उनसे बातचीत चल रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी को पार्टी में नहीं लिया जाएगा बल्कि जिन विधायकों का जनाधार बड़ा हो और साफ-सुथरी छवि के होंगे, केवल उन्हें सदस्यता दी जाएगी। एकदिन पहले ही विजयवर्गीय ने तंज करते हुए कहा है अगर इतनी अधिक संख्या में विधायक भाजपा में आते हैं तो इससे ममता बनर्जी की सरकार गिर जाएगी जो फिलहाल हमलोग नहीं चाहते हैं।

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