22/11/2020,10:40:57 AM.
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श्रद्धालुओं को नहीं होगी मंडप में प्रवेश करने की अनुमति
कोर्ट के आदेश पर भीड़ कम करने पर दिया जा रहा जोर
कोलकाता: कालीपूजा के संपन्न होने के बाद अब जगद्धात्रि पूजा की धूम शुरू हो गई है। वैसे तो बंगाल के महानगर समेत अन्य जिलों में जगद्धात्रि पूजा का आय़ोजन होता है, लेकिन विश्वविख्यात हुगली जिले के चंदननगर की जगद्धात्रि पूजा की धूम ना केवल राज्य बल्कि विदेशों में भी है। यही वजह है कि सात समंदर पार से लोग बरबस ही मां के दर्शन को खींचे चले आते हैं। लेकिन शायद इस बार यह मुमकिन ना हो। कोरोना काल के बीच तमाम नियमों के साथ चंदननगर पूजा के आयोजन को तैयार है।
रविवार को अष्टमी है। देवी जगद्धात्रि त्रिनयना, चतुर्भुजा और सिंहवाहिनी स्वरूप में आज पूजी जाती हैं। उनके हाथ में शंख, चक्र, धनुष और बाण हैं। चंदननगर में, दुर्गा पूजा की तरह जगद्धात्रि पूजा होती है। कहीं-कहीं तीन दिवसीय पूजन के नौवें दिन संपन्न होती है। इस बार कोरोना के कारण भीड़-भाड़ कम है। चंदननगर के अलावा तेलिनिपाड़ा, भद्रेश्वर तक विशालकाय प्रतिमा स्थापित कर मां की पूजा होती है। इस बार चंदननगर में 161 पंडालों में पूजा हो रही है। वहीं कोरोना में नौ पूजा समितियां घट पूजा कर रही है।
इसके अलावा, पूजा समितियों ने नियमों के अनुसार प्रकाश और मंडप सजावट की लागत को कम करने का निर्णय लिया है। उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि दुर्गा पूजा की तरह जगद्धात्रि पूजा में भी किसी भी तरह की भीड़ नहीं होनी चाहिए।
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