नियम-आस्था के साथ संपन्न हुआ लोकआस्था का महापर्व छठ

21/11/2020,10:30:20 AM.

 

 

कोलकाता: उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ ही चार दिवसीय सूर्योंपासना का महापर्व छठ पूजा का समापन हो गया। बुधवार को नहाय-खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई थी।

गुरुवार को खरना पूजा, शुक्रवार को अस्तलाचलगामी सूर्य को अर्घ्य व आज शनिवार को उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया गया। कोरोना काल में सभी स्वास्थ्य नियमों का पालन करते हुए श्रद्धापुर्वक छठ का पर्व मनाया गया। राज्य प्रशासन, केएमसी व केएमडीए की तरफ से सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गयी थीं। इसके साथ ही एक वीडियो वार्ता के माध्यम से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सभी श्रद्धालुओं से कोरोना काल में इस वर्ष अपने-अपने घरों में ही छठ मनाने की अपील की थी।

मुख्यमंत्री के अनुरोध का असर कहें या लोगों में कोरोना को लेकर जागरूकता, महानगर के घाटों पर लोगों की भीड़ अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष काफी कम दिखी। घाटों पर जितने श्रद्धालु पहुंचे थे, सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही छठ पूजा की। महानगर में अधिकांश लोगों ने अपने घरों में रहकर कृत्रिम जलाशय बनाकर उसमें पूजा की।

महानगर के विभिन्न स्थानों पर केएमसी व केएमडीए की तरफ से कृत्रिम जलाशयों की व्यवस्था भी की गयी थी जिसमें लोगों ने श्रद्धापूर्वक पूजा किया। हालांकि लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले या काफी कम संख्या में निकले, इसके बावजूद कोलकाता पुलिस व विभिन्न स्वयं सेवी संस्थाएं श्रद्धालुओं की मदद करने के लिए तत्पर रहें।

रवीन्द्र व सुभाष सरोवर में नहीं मना छठ
राष्ट्रीय पर्यावरण अदालत की निषेधाज्ञा के कारण रवीन्द्र सरोवर व सुभाष सरोवर में इस वर्ष छठ पूजा का आयोजन नहीं किया गया। हालांकि यह निषेधाज्ञा पिछले वर्ष भी जारी थी, किन्तु पिछले वर्ष पुलिस प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया गया था। पिछले वर्ष रवीन्द्र सरोवर के सामने श्रद्धालुओं को प्रवेश करने से रोकने के लिए तैनात पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाया गया था कि दिन चढ़ने के साथ पुलिसकर्मी वहां से बाहर चले गये थे, जिस वजह से असमाजिक तत्वों ने रवीन्द्र सरोवर का प्रवेशद्वार तोड़ दिया था। इस साल पूरे दिन ना सिर्फ पुलिसकर्मी रवीन्द्र सरोवर व सुभाष सरोवर के सामने पहरा देते दिखे, बल्कि दिन चढ़ने के साथ पुलिस बल की संख्या में भी वृद्धि हुई। इस वर्ष सुभाष सरोवर व रवीन्द्र सरोवर में छठ पूजा ना होने से पर्यावरणकर्मियों में काफी खुशी देखी गयी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *