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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः कोरोना वायरस की महामारी से लड़ने के लिए दुनिया को जिस वैक्सीन की तलाश थी तो उसे रूस ने सफलतापूर्वक विकसित करने की घोषणा कर दी है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आज सुबह सरकारी टीवी पर बताया कि हमने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए वैक्सीन विकसित कर ली है। इस वैक्सीन का पहला क्लिनीकल डोज मेरी बेटी को दिया गया है। वह ठीक है।
मालूम हो कि रूस कोरोना वैक्सीन विकसित करने में अमेरिका, जापान, चीन व यूके के साथ दौड़ में था। इन देशों में इस वैक्सीन का मानव ट्रॉयल तीसरे चरण में चल रहा था। लेकिन रूस ने आज वैक्सीन को पंजीकृत करा लिया है जिससे वह कोरोना महामारी से लड़ने में वैक्सीन विकसित करने वाला पहला देश बन गया है। पुतिन ने कहा कि यह वैक्सीन मास्को गमालेया इंस्टीट्यूट में विकसित किया गया जो पूरी तरह सुरक्षित है। मुझे पता है कि यह प्रभावी तरीके से काम करता है। इम्युनिटी को मजबूत करता है और मैं दोहराता हू कि यह वैक्सीन सभी आवश्यक परीक्षणों को पूरा किया है।
पुतिन ने यह भी कहा कि मुझे उम्मीद है कि जल्द ही हम अपने देशवासियों के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन शुरू करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन के लिए देशवासियों को कोई पैसा नहीं देना होगा। यह स्वैच्छिक होगा। यह पुतिन द्वारा वैक्सीन के पंजीकृत करने की घोषणा के बावजूद अभी रूस में इसका अंतिम ट्रॉयल किया जाना बाकी है ताकि इसे पूरी तरह से लोगों के लिए सुरक्षित बनाया जा सके।
रूसी अधिकारियों ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन सबसे पहले मेडिकल स्टाफ, शिक्षकों और अन्य जरूरी सेवाओं में लगे कर्मचारियों को दिया जाएगा। इसका बड़े पैमाने पर उत्पादन सितंबर से शुरू होगा और अक्टूबर से लोगों को दिया जाना शुरू होगा। यह वैक्सीन किसी भी व्यक्ति को दो साल तक कोरोना से लड़ने के लिए आवश्यक इम्यनिटी प्रदान करेगा।
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