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कोलकाताहिंदीं.कॉम
कोलकाताः लद्दाख की गलवानी घाटी में 15 जून की रात भारतीय सैनिकों के साथ खूनी झड़प में चीन की सेना पीएलए के सैनिक मारे गए थे, और उनकी संख्या कितनी, यह कभी चीनी सरकार ने स्वीकार नहीं किया है और ना ही बताया है। लेकिन अब चीन सरकार की तो नहीं, लेकिन उसके मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक की तरफ से यह जरूर स्वीकार कर लिया गया है कि झड़प में चीन के 20 से कम सैनिक हताहत हुए थे।
दरअसल बृहस्पतिवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में जोरदार लहजे में कहा था कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने चीनियों को धूल चटा दी दिया था। हालांकि सिंह ने यह आंकड़ा तो नहीं बताया था कि कितने चीनी सैनिक मारे गए लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा था कि बड़ी संख्या में चीनी मारे गए थे। उनका यह भी कहने का आशय था कि भारतीय सैनिकों से कहीं अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे।
रक्षा मंत्री के कल दिए गए बयान से चीन चिढ़ गया है। चीनी सेना या सरकार द्वारा तो पहले की तरह ही कोई बयान नहीं दिया गया लेकिन उसके मुख पत्र ग्लोबल टाइम्स द्वारा जरूर सच को स्वीकर कर लिया गया। ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू झिजिन ने अपने ट्वीट में यह मान लिया है कि गलवान घाटी की झड़प में चीनी सैनिक मारे गए थे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उनकी संख्या भारतीय सैनिकों से कम थी। कितनी थी, यह झिजिन ने नहीं बताया है। उन्होंने यह भी लिखा है कि किसी चीनी सैनिक को कैदी नहीं बनाया गया था जबकि चीनी सैनिकों ने कई भारतीय सैनिकों को कैदी बना लिया था। मालूम हो कि चीन अनाधिकारिक रूप से जो भी कहना चाहता है, वह अपने मुख पत्र गलवान टाइम्स के संपादकीय और लेख या फिर संपादक के जरिये कहलवाती है।
As far as I know, the death toll of Chinese troops in Galwan Valley clash on June 15 is far fewer than 20 deaths of Indian troops. No Chinese soldiers was captured by Indian troops, but PLA captured many Indian soldiers that day. pic.twitter.com/68ORN3k4Hk
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 17, 2020
बहरहाल चीन कभी सच जाहिर नहीं करता है। वह वही कहता है जिसमें उसका फायदा है या वह दूसरे देशों को झुकाने के लिए चाहता है। मालूम हो कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के मारे जाने की संख्या को लेकर हमेशा से पर्दा पड़ा रहा है। हालांकि अमेरिका के कई रक्षा विशेषज्ञों ने कहा था कि चीन के कम से कम 40 सैनिक मारे गए हैं। वहीं पिछले दिनों अमेरिकी समाचार पत्र न्यूजवीक ने कहा था कि गलवान झड़प में चीन के 60 सैनिक मारे गए थे। दरअसल चीन सरकार असल संख्या इसलिए नहीं बताना चाहती है कि कहीं उसे अपनी जनता के सवालों का सामना नहीं करना पड़े। साथ ही, उसे अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के समक्ष भी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।
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