15/12/2020,5:30:00 PM.
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कोलकाताः ममता बनर्जी सरकार के वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हकीम के खिलाफ खुला मोर्चा खोलने वाले आसनसोल नगर निगम के प्रशासक और पूर्व मेयर तथा पांडेश्वर के तृणमूल विधायक जितेंद्र तिवारी की नाराजगी दूर करने की कोशिशें विफल साबित होती दिख रही हैं। उन्होंने फिरहाद हकीम से मिलने से इनकार कर दिया है। उन्हें मंगलवार को कोलकाता बुलाया गया था। यहां फिरहाद हकीम के साथ बैठक होनी थी लेकिन वह नहीं आए। उन्होंने कोलकाताहिंदी.कॉम से बात में कहा कि उनकी जवाबदेही पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के प्रति है और उनसे ही बात करेंगे।
सोमवार को उनकी राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम को लिखी चिट्ठी मीडिया में लीक हो गई थी जिसे लेकर काफी बवाल हुआ। पत्र में जितेंद्र ने फिरहाद पर आसनसोल को केंद्रीय योजनाओं के तहत मिलने वाले हजारों करोड़ रुपये मिलने से वंचित करने का आरोप लगाया था और वह भी सिर्फ राजनीतिक कारणों से। इस पत्र को लेकर मीडिया के जरिए फिरहाद और जितेंद्र में काफी तीखा आरोप-प्रत्यारोप हुआ था। हालांकि बाद में जितेंद्र को मनाने के लिए फिरहाद ने उन्हें फोन किया था। उन्हें मंगलवार को कोलकाता आने को कहा गया था।
लेकिन जितेंद्र तिवारी मंगलवार को कोलकाता नहीं गए बल्कि उसके बदले आसनसोल नगर निगम में कई परियोजनाओं का उद्घाटन कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इसी का हवाला देकर वह कोलकाता नहीं आए हैं। हालांकि तिवारी ने खुद इसके बारे में सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा है। फिरहाद के साथ यह बैठक मंगलवार शाम होनी थी। बैठक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के कमैक स्ट्रीट कार्यालय में तय होनी थी। वहां से, राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के संगठन, आईपैक की टीम काम करती है। प्रशांत को भी बैठक में उपस्थित होना था। हालांकि, जितेंद्र के करीबी सूत्रों के मुताबिक, फिरहाद या प्रशांत नहीं, वह केवल पार्टी सुप्रिमो और मुख्यमंत्री से बात करना चाहते हैं। ममता इस समय उत्तर बंगाल के दौरे पर हैं। उनका गुरुवार को शहर लौटने का कार्यक्रम है। जितेंद्र ने कोलकाताहिंदी.कॉम को दिए इंटरव्यू में कहा कि ममता बनर्जी 18 दिसंबर को उत्तर बंगाल के दौरे से कोलकाता लौटेंगी। अरूप विश्वास से उनकी सोमवार को फोन पर बात हुई है। दीदी उनसे 18 को मिलेंगी।
हालांकि तृणमूल के एक वर्ग ने दावा किया कि जितेंद्र ने राज्य के मंत्री को फोन कर मिलने की इच्छा व्यक्त की थी। जितेंद्र की चिट्ठी के बाद तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी और फिरहाद ने उन्हें वार्ता के लिए कोलकाता बुलाया था। लेकिन वह मंगलवार को नहीं गए।
इधर जितेंद्र के करीबी सहयोगियों दावा हैं कि जितेंद्र मंगलवार की बैठक में शामिल नहीं हुए, क्योंकि जितेंद्र का पत्र सामने आने के बाद, फिरहाद ने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि कोई पार्टी के खिलाफ कोई सार्वजनिक टिप्पणी किए बिना पार्टी छोड़ना चाहता है, तो वह छोड़ सकता है। ममता बनर्जी पहले ही कह चुकी हैं कि सभी के लिए दरवाजा खुला है। अगर कोई भी जाना चाहता है, तो वह जा सकता है। इसके बाद जितेंद्र ने भी फिरहाद पर हमला बोला था। इसी वजह से जितेंद्र तिवारी ने सीधे ममता बनर्जी से मुलाकात कर अपनी बात रखने की इच्छा जताई है।
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या जितेंद्र तिवारी 18 को कोलकाता जाएंगे और क्या उनकी भेंट तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी से होगी? अभी 18 तारीख आने में दो दिन बाकी है और राज्य में जिस तरह से राजनीतिक घटनाचक्र बदल रहा है, उससे कुछ भी श्योर नहीं कहा जा सकता है।
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