टीटागढ़ शूटआउटः राज्यपाल धनखड़ और ममता सरकार में एक बार फिर खिंचतान

05/10/2020,4:10:49 PM.

कोलकाताहिंदी.कॉम

कोलकाताः टीटागढ़ में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या को केंद्र कर नए सिरे से पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार के बीच तनातनी शुरू हो गई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अपने अर्जेंट कॉल की अनदेखी करने का आरोप पर लगाया है। दरअसल राज्यपाल बैरकपुर में भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या पर ममता बनर्जी से बात करना चाह रहे थे। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है कि राज्यपाल की ममता बनर्जी या उनके सरकार के अधिकारियों ने अनदेखी की है।

रविवार की रात मनीष शुक्ला की हत्या होने के बाद ही राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य के गृह सचिव हरिकृष्ण द्विवेदी और राज्य के पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को सोमवार की सुबह 10 बजे तलब किया था लेकिन ये दोनों आला अधिकारी राज्यपाल से मिलने नहीं गए। इससे राज्यपाल काफी नाराज दिखे और ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। सोमवार की सुबह ठीक 10 बजकर 2 मिनट पर उन्होंने ट्वीट कर कहा कि राज्य में कानून की बहुत ही भयानक स्थिति पैदा हो गई है। संवैधानिक प्रधान के सतर्क करने के बावजूद भी निशाना बनाकर हत्या की जा रही है। ना तो गृह सचिव और ना ही डीजी ने मुझे कोई जवाब दिया है। हालांकि राज्य के नए मुख्य सचिव आलापन बनर्जी ने जरूर राज्यपाल से जाकर मुलाकात की है। लेकिन यह मुलाकात सौजन्यवश ही समझा जा रहा है। अलबत्ता राज्यपाल ने मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद फिर ट्वीट किया कि अलापन बनर्जी से राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर मेरी बातचीत हुई है। मैंने उन्हें राज्य की चिंताजनक स्थिति से अवगत कराया दिया है।राज्यपाल ने यह भी लिखा कि मुझे आशा है कि मुख्यमंत्री सभी गंभीर मुद्दों पर ध्यान देंगी और लोकतांत्रिक व कानूनी तरीके से व्यवस्था बनाए रखने का काम करेंगी। राज्यपाल ने यह भी लिखा कि राज्य में राजनीतिक हिंसा और लक्ष्य बनाकर हत्या करने की प्रथा को रोका जाएगा।

मालूम हो कि रविवार की रात करीब साढ़े बजे टीटागढ़ में भाजपा पार्षद और बैरकपुर के सांसद अर्जुन सिंह के करीबी सहयोगी मनीष शुक्ला की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। इस घटना की जानकारी होने के बाद रात को ही राज्यपाल धनखड़ ने ट्वीट किया, “कानून और व्यवस्था के परिदृश्य चिंताजनक हैं। संवैधानिक प्रमुख (राज्यपाल) द्वारा चेतावनी के बावजूद राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं। न तो एसीएस (अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह) और न ही डीजीपी बंगाल पुलिस ने जवाब दिया। 10.47 बजे मुख्यमंत्री (मुख्यमंत्री) से बात करने के लिए मैंने फोन किया था लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। यह चिंताजनक हालात हैं।

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