24/08/2020,5:36:11 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः कांग्रेस कार्य समिति की बैठक तो नए अध्यक्ष की चर्चा करने के लिए हुई थी लेकिन यह वर्चुअल बैठक विवादों का केंद्र बन गया और कांग्रेस की अंदुरूनी कलह उभर कर सामने आ गई। बैठक में तब बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब राहुल गांधी ने लेटर बम फोड़ दिया है।
बैठक के शुरू में सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेश की और पार्टी की कार्य समिति नये अध्यक्ष चुनने के लिए कार्यवाही शुरू करे। लेकिन सोनिया के इस्तीफे के प्रस्ताव को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एके एंटोनी ने कहा कि वे अभी अध्यक्ष बने रहें।
वहीं राहुल ने बैठक में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी को पार्टी के 23 नेताओं द्वारा लिखे पत्र को लेकर ना सिर्फ सवाल उठाया बल्कि यह भी कहा, जैसा कि बैठक से छन कर आई है, पत्र लिखने वाले बीजेपी से मिले हुए हैं। उन्होंने इन नेताओं के पत्र लिखने के समय पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि जब सोनिया जी बीमार थीं और कांग्रेस राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपनी प्रतिद्वंद्वी पार्टी से लड़ रही थी तो यह पत्र क्यों लिखा गया। बैठक में प्रियंका गांधी ने भी वरिष्ठ नेताओं की यह कहते हुए आलोचना की कि वे बैठक में जो कह रहे हैं, वे उनके पत्र में कही बातों से बिलकुल अलग है।
राहुल के इस बयान को लेकर कांग्रेस में भूचाल आ गया। गुलाम नबी आजाद ने बैठक के दौरान यह कहते हुए कि अगर यह साबित होता है कि वे बीजेपी से मिल हुए हैं तो वह पार्टी से इस्तीफा देने को तैयार है। वहीं कपिल सिब्बल ने टि्वटर पर राहुल के आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि हमने राजस्थान हाई कोर्ट में कांग्रेस के लिए लड़ाई जीती, मणिपुर में भाजपा सरकार हटाने के लिए लड़ाई लड़ी और 30 सालों से भाजपा के खिलाफ बोल रहे हैं, फिर भी हम भाजपा से मिले हुए हैं। हालांकि बाद में उन्होंने अपना वह ट्वीट हटा लिया।
मालूम हो कि कांग्रेस के सक्रिय पूर्णकालिक अध्यक्ष और पार्टी में संगठनात्मक तेजी लाने के लिए 23 वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। इनमें कपिल सिब्बल, शशि थरूर, गुलाम नबी आजाद, पृथ्वीराज चौहान, विवेक तन्हका और आनंद शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। यह पत्र आज की बैठक से पहले ही मीडिया में लीक हो गई थी।
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