26/01/2021,7:40:15 PM.
|
कोलकाताः विधानसभा चुनाव के लिए गठबंधन की कवायद में जुटे माकपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच सोमवार को हुई बैठक में केवल 77 सीटों पर सहमति बन सकी है। ये वे सीटे हैं जिन पर दोनों ही पार्टियों के विधायकों ने 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान जीत दर्ज की थी।
सूत्रों ने बताया है कि सोमवार को हुई दोनों ही पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के बीच गोपनीय बैठक हुई थी जिसमें यह तय किया गया कि 2016 के विधानसभा चुनाव में जिस पार्टी ने जिस सीट पर जीत दर्ज की थी वहां इस बार भी यानी 2021 के विधानसभा चुनाव में भी उसी पार्टी के उम्मीदवार उतारने पर सहमति बनी है। कांग्रेस ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी और माकपा नीत वाम मोर्चा गठबंधन ने 33 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसीलिए इन 77 सीटों पर तो सहमति बन गई है लेकिन राज्य की 294 में से बाकी 217 सीटों पर क्या होगा, इस बारे में स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस 130 सीट पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही है लेकिन माकपा इसके लिए तैयार नहीं हो रही। इसलिए गठबंधन को अंतिम रूप रेखा देने में मुश्किल हो रही हैं। आगामी 28 जनवरी को फिर दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक होगी। उस दिन इस पर कुछ ठोस निर्णय लिए जाने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के समय जिस फार्मूले पर गठबंधन की बात चली थी उसी फार्मूले पर माकपा आगे बढ़ना चाहती है। कांग्रेस नेतृत्व को माकपा नेताओं ने साफ कहा है कि 77 सीटों के अलावा बाकी बची 217 सीटों में से 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जिन विधानसभा सीटों पर जो पार्टी दूसरे नंबर पर रही थी, उसे वह सीट दिया जाना चाहिए। लेकिन कांग्रेस इसके लिए तैयार नहीं हो रही है।
बताया जा रहा है कि मूल रूप से मालदा, मुर्शिदाबाद और पुरुलिया में कांग्रेस अधिकतर सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। पार्टी का कहना है कि इन जिलों में कांग्रेस का जनाधार मजबूत है। जबकि माकपा भी इन इलाकों में कमजोर नहीं है और लोकसभा चुनाव के समय मतदान प्रतिशत का हवाला देकर यहां के भी अधिकतर सीटों पर वाममोर्चा गठबंधन के उम्मीदवारों को टिकट देने की मांग कर रही है। अब 28 जनवरी को अगली बैठक में इस पर कुछ ठोस निर्णय लिया जा सकता है।
21/03/2022,8:01:19 PM. Read more
18/11/2021,8:35:58 PM. Read more
© 2015 - 2020 kolkatahindi.com
Design & Develop by GWS
Leave a Reply