पश्चिम बंगाल : दुर्गा पूजा पंडालों में लोगों के भ्रमण पर हाई कोर्ट की रोक बरकरार, आयोजकों को मिली थोड़ी राहत

21/10/2020,1:37:47 PM.

 

कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट पश्चिम बंगाल के सभी दुर्गा पूजा पंडालों को नो एंट्री जोन में रखने के अपने फैसले पर कायम है। हाई कोर्ट ने आज फोरम फॉर दुर्गोत्सव की पुनर्विचार याचिका पर आयोजकों को थोड़ी राहत देते हुए आयोजन से जुड़े कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ा कर 60 कर दी है। लेकिन बड़े पंडालों में एक समय में केवल 45 और छोटे पंडालों में एक समय में केवल 10 लोग ही मौजूद रह सकेंगे।

मंगलवार को फोरम फॉर दुर्गोत्सव की ओर से हाई कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी। बुधवार को न्यायमूर्ति संजीव बनर्जी की खंडपीठ में इस मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूजा भ्रमण करने वालों के लिए पूजा पंडालों में एंट्री पर प्रतिबंधित रखने का अपना ही निर्देश बरकरार रखा है। इससे पहले सोमवार को अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य के सभी पूजा पंडाल कंटेनमेंट जोन में रहेंगे और इसे नो एंट्री जोन घोषित कर पंडाल के बाहर नो एंट्री का बोर्ड लगाना होगा। मंडप में किसी भी दर्शनार्थी को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। अगर कोई पूजा घूमने आता है तो उसे बड़े पंडालों में 10 मीटर और छोटे पंडालों में 5 मीटर दूर से ही दर्शन करना होगा। पूरे पूजा परिसर को बैरिकेडिंग करनी पड़ेगी। कोर्ट ने अपने इस निर्देश को बुधवार को भी बरकरार रखा है।

इसके साथ हाई कोर्ट ने दुर्गा पूजा के बाद सुहागन महिलाओं के लिए होने वाले सिंदूर खेला और पुष्पांजलि कार्यक्रम को भी स्थगित रखने का अपना निर्देश बरकरार रखा है। हालांकि बुधवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने पंडाल के अंदर ढोल बजाने वाले ढांकियों को प्रवेश की अनुमति दे दी है। ढांकियों को मंडप में प्रवेश करने से पहले मास्क, सेनिटाइजर उपलब्ध कराना होगा और शारीरिक दूरी के सभी प्रावधानों का सख्ती से पालन करना आवश्यक रूप से करना होगा।
बुधवार को हाई कोर्ट ने पूजा आयोजन से जुड़े केवल 60 सदस्यों की एक सूची देने के निर्देश दिया। इन सदस्यों को ही मंडप में प्रवेश की अनुमति होगी। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 15 से 25 लोगों को ही मंडप में प्रवेश की अनुमति दी थी। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पूजा आयोजक को 60 सदस्यों की सूची में से एक दिन में केवल 45 लोगों को प्रवेश की अनुमति होगी। आयोजक को हर दिन नई सूची मंडप के बाहर भी लगाना होगा। 45 लोग केवल उन पूजा पंडालों में प्रवेश कर सकेंगे, जिनका परिसर 300 स्क्वायर फुट का होगा। छोटे पूजा पंडालों में एक साथ केवल 10 सदस्यों को ही नियमित तौर पर प्रवेश की अनुमति होगी।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के बीच पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्यभर में दुर्गा पूजा की छूट दी थी, जिस पर हाई कोर्ट ने नाराजगी जताई थी और सोमवार को राज्य के सभी पूजा पंडालों में नो एंट्री का बोर्ड लगाने का आदेश दे दिया था। इसके खिलाफ 400 बड़े पूजा आयोजकों के संगठन फोरम फॉर दुर्गोत्सव ने मंगलवार को पुनर्विचार याचिका लगाई थी, जिस पर बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पूजा पंडाल घूमने वालों के लिए किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया है।

 

 

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *