17/12/2020,9:31:29 PM.
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आसनसोलः तीन दिन पहले आसनसोल नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और पांडेश्वर के तृणमूल विधायक जितेंद्र तिवारी के ममता बनर्जी की सरकार के प्रमुख मंत्री फिरहाद हकीम को लिखे पत्र के लीक होने, और उसके बाद फिरहाद के साथ जितेंद्र के मीडिया वार में उलझने से यह कयास लगाए जा रहे थे कि जितेंद्र तिवारी तृणमूल कांग्रेस में पल दो पल के मेहमान हैं, यह बात गुरुवार की शाम सच साबित हो गई।
गुरुवार दोपहर बाद करीब तीन-साढे तीन बजे जितेंद्र तिवारी ने नगर निगम में जाकर वहां के कमर्चारियों के साथ एक बैठक की और उस दौरान यह घोषणा कर दी की वह प्रशासक के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। इसके कुछ देर बाद जब यह खबर आई की उनके पांडेश्वर के हरिपुर स्थित उनके विधायक ऑफिस में तोड़फोड़ की गई है। वहां तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष नरेन चक्रवर्ती के नेतृत्व में इस ऑफिस पर कब्जा कर लिया गया। ऑफिस पर विधायक जितेंद्र तिवारी का नाम हटाकर वहां ब्लॉक ऑफिस लिख दिया गया। पांडेश्वर के अपने ऑफिस पर कब्जे की खबर मिलने के बाद जितेंद्र तिवारी ने घोषणा कर दी कि वह तृणमूल कांग्रेस से पूरी तरह नाता तोड़ रहे हैं और उन्होंने पार्टी के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। तिवारी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनके पांडेश्वर स्थित कार्यालय पर हमला किया गया है। उसे गुंडों के जरिए जबरदस्ती दखल कर लिया गया है। वहां तोड़फोड़ की गई है। मेरा विश्वास है कि कोलकाता से आए निर्देश के बिना यह काम नहीं हो सकता है। कोलकाता के नेता गुंडों को भेजकर मेरा ऑफिस कब्जा करा रहे हैं। काम करने नहीं देंगे। मैं गुंडों से लड़ नहीं सकता है। असामाजिक लोगों के साथ काम नहीं कर सकता। उनके साथ लड़ाई भी नहीं कर सकता। मेरे साथ जो लोग हैं, वे भी सामाजिक कार्यों से जुड़े हैं। वे भी गुंड़ों से नहीं लड़ सकते हैं। उन पर भी खतरा है। मेरे ऊपर भी कभी भी हमला हो सकता है जैसा कि इस दल में होता है। जितेंद्र ने यह भी कहा कि इससे पता चलता है कि तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व यह नहीं चाहता है कि वे पार्टी में रहे। इसलिए उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
जितेंद्र तिवारी ने प्रशासक से इस्तीफा का कारण फिरहाद को बताया
पिछले पांच सालों तक जितेंद्र तिवारी आसनसोल नगर निगम के मेयर थे। उसके बाद नगर निगम के निर्वाचित बोर्ड की मियाद खत्म होने के बाद उन्हें 14 अक्टूबर को नगर निगम का प्रशासक बनाया गया था। बहरहाल जितेंद्र तिवारी अब ना तो प्रशासक हैं और ना ही तृणमूल के जिला अध्यक्ष। दरअसल तीन दिन पहले जब उनका फिरहाद को लिखा पत्र लीक हो गया था, तब से ही जितेंद्र तिवारी के प्रशासक पद से इस्तीफे और तृणमूल से नाता तोड़ने की पटकथा लिखनी शुरू हो गई थी. गुरुवार के अपराह्न जितेंद्र तिवारी ने पहले नगर निगम के कर्मचारियों के साथ अपने कक्ष में एक संक्षप्ति बैठक की जिसमें उनके योगदान की सराहना की। यहीं पर उन्होंने प्रशासक पद छोड़ने का ऐलान कर दिया।। लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अगले चुनाव में उनके लोग ही यहां आएंगे और अधूरे काम पूरा करेंगे। उनका सीधा इशारा था कि अगले नगर निगम चुनाव में उनके करीबी लोग ही यहां जीत कर आएंगे। बहरहाल नगर निगम के कर्मचारियों के साथ बैठक के बाद उन्होंने प्रशासक का पद क्यों छोड़ा, इस संबंध में अपनी प्रेस कांफ्रेंस में स्पष्ट कर दिया। उन्होंने मीडिया से क्या-क्या कहा, आइये आप भी देखिये।
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