फिरहाद, मदन समेत कई तृणमूल नेताओं के घरों पर सीबीआई का छापा

08/10/2023,4:35:31 PM.

कोलकाताः पश्चिम बंगाल के नगर निकायों में कथित भर्ती घोटाले की जांच में ढिलाई बरतने को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी। इसके बाद अब सीबीआई हरकत में आ गयी है। दो दिन पहले ईडी ने इस मामले में एक साथ कई नगर निगम के पदाधिकारियों की यहां छापामारी कर तलाशी अभियान चलाया था। अब रविवार की सुबह सुबह सीबीआई ने एक साथ कई बड़ी हस्तियों के यहां बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी और राज्य के शहरी विकास मंत्री तथा कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम के आवास समेत करीब दर्जन भर जगहों पर छापामारी की है। तृणमूल कांग्रेस ने इस छापामारी को पार्टी नेता एवं सांसद अभिषेक बनर्जी के राजभवन के समक्ष दिये जा रहे धरना का बदला लेने की कार्रवाई बताया है।

रविवार को लोग जब सुबह छुट्टी के मूड में थे, उसी दौरान सुबह-सुबह सीबीआई के अधिकारी अपने निजाम पैलेस ऑफिस से एक एक कर गाड़ियों में निकले। उनके साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवान भी थे। सबसे पहले सीबीआई अधिकारी कोलकाता के चेतला स्थित फिरहाद हकीम के घर पहुंचे। सीबीआई अधिकारी घर के अंदर गये जबकि केंद्रीय बलों के जवानों ने घर को बाहर से घेर रखा था। किसी को आने-जाने नहीं देने दिया जा रहा। सीबीआई छापे की खबर फैलते ही फिरहाद के समर्थक वहां जमा होने लगे। उन्होंने बीजेपी और सीबीआई के खिलाफ नारेबाजी भी की। एक समय ऐसा भी आया जब फिरहाद हकीम के बेटी प्रियदर्शिनी हकीम को सुरक्षा बलों के जवानों के साथ बहस करते हुए देखा गया।  इधर जब फिरहाद के घर पर तलाशी अभियान चल रहा था, तो वहीं सीबीआई की एक दूसरी टीम कमरहाटी के पूर्व चेयरमैन और तृणमूल विधायक मदन मित्र के दक्षिणेश्वर स्थित पर पहुंच गई। यहां भी केंद्रीय बलों के जवान ने मोर्चा संभाल रखा था। उनके दूसरे आवास पर भी सीबीआई अधिकारी पहुंचे थे। सीबीआई ने फिरहाद हकीम और मदन मित्र के आवासों के साथ ही कांचरापाड़ा, बैरकपुर, हालीशहर, दमदम, उत्तर दमदम, कृष्णानगर आदि जगहों पर भी छापामारी की है। फिरहाद हकीम के यहां पूरे 10 घंटे तक सीबीआई अधिकारियों ने अपनी जांच पड़ताल चलाई। वहीं मदन मित्रा के यहां छह घंटे तक तक यह तलाशी अभियान चला।
सीबीआई की इस कार्रवाई को तृणमूल कांग्रेस ने निंदा की है। सीबीआई के मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि चूंकि अभिषेक बनर्जी मनरेगा राशि देने की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं और केंद्र पर दबाव बना रहे हैं तो इससे केंद्र सरकार और बीजेपी परेशानी महसूस कर रही है। अभिषेक के आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए भी यह कार्रवाई की गई है।
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