फिरहाद से वाकयुद्ध के बीच ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे जितेंद्र तिवारी

15/12/2020,12:37:14 PM.

 

कोलकाता: राज्य में विधानसभा चुनाव के पूर्व सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस में एक के बाद एक पार्टी नेताओं के बागी होने के सिलसिसा लगातार जारी है। शुभेंदु अधिकारी, राजीव बनर्जी के बाद अब आसनसोल नगरपालिका के चेयरमैन और पांडेश्वर के तृणमूल विधायक जितेंद्र तिवारी ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में नगर विकास मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम औऱ जितेंद्र तिवारी के बीच वाकयुद्ध के बाद अब खुद इस मामले को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संभाला है।

ममता बनर्जी फिलहाल उत्तर बंगाल की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। वह 16 दिसंबर को कोलकाता लौट रही हैं। इसके बाद वह जितेंद्र से मिलेंगी। आसनसोल के इस दिग्गज नेता के साथ आमने-सामने बात होने की जानकारी है। तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी और राज्य के नगर विकास मंत्री फिरहाद हकीम दिसंबर में अपने कैमक स्ट्रीट घर में जितेंद्र तिवारी से मिलने वाले थे। बैठक में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के भी मौजूद रहने की उम्मीद थी। लेकिन अब खुद जितेंद्र तिवारी 16 दिसंबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात करेंगे।

बता दें कि विवाद का सिलसिला सोमवार को शुरू हुआ। जितेंद्र तिवारी ने मंत्री फिरहाद हकीम को एक पत्र लिखा जिसमें आरोप लगाया कि राजनीतिक कारणों से आसनसोल नगर निगम को केंद्रीय परियोजनाओं के पैसों से वंचित रखा जा रहा है। पत्र में, उन्होंने लिखा, केंद्र सरकार ने आसनसोल को स्मार्ट सिटी मिशन परियोजना के लिए नामित किया था। लेकिन आसनसोल नगरपालिका केंद्रीय परियोजना के 2,000 करोड़ नहीं ले सकी क्योंकि उसे राज्य सरकार की मंजूरी नहीं मिली थी। आसनसोल नगरपालिका को राजनीतिक कारणों से परियोजना का लाभ लेने की अनुमति नहीं मिली। राज्य सरकार ने भुगतान करने का वादा किया था लेकिन उसे नहीं किया गया।

इस पत्र पर फिरहाद हकीम ने आसनसोल शहर के प्रशासक जितेंद्र तिवारी के खिलाफ अपना मुंह खोला। कहा, भाजपा उन्हें गलत समझ रही है। फ़िरहाद ने कहा, ‘जितेंद्र ने कभी मुझसे इस बारे में बात नहीं की। मुझे नहीं पता कि उन्होंने आज पत्र क्यों भेजा। मेरे उसके साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। मेरे छोटे भाई की तरह हैं। कई बार बात की लेकिन कभी इस बारे में कुछ नहीं कहा। भाजपा वोट से पहले उन्हें गलत समझ रही है।

फिरहाद के इस बयान पर आग बबुला जितेंद्र ने कहा, “अगर मैं कहूं कि वह पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी की बोल बोल रहे हैं”। भाजपा उन्हें फोन कर सकती है, मुझे नहीं। जब लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा एक के बाद एक पार्टी के दफ्तर पर कब्जा कर रही थी तो वह कहां थे? तब मैं पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा था।

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