10/08/2020,5:31:56 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः कोलकाता और राज्य के कई कोविड अस्पतालों में कोरोना पीड़ितों को इलाज के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इलाज नहीं मिलने की वजह से कई मरीजों की मौत भी हुई है। लेकिन अब ऐसी खबर आई है जो दिल दहलाने और राज्य सरकार की कोरोना से लड़ने की व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने वाली है।
दरअसल एक कोविड अस्पताल में भर्ती एक मरीज की मौत के कई घंटे बाद भी उसके परिजनों को सूचना नहीं दी गई। और तो और, बिना सूचना के ही लाश को श्मशान घाट में ले जाकर दाह संस्कार किया जा रहा था। जब सूचना मिली तो परिवार को वहां पहुंच लेकिन उन्हें मृतक का शव देखने नहीं दिया गया। और देखने के लिए 51 हजार रुपये की मांग की गई। यह दर्दनाक घटना हावड़ा की है।
इंडियाटुडे वेबसाइट की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना की वजह से अस्पताल में हरि गुप्ता की मौत हो गई थी। उनके पुत्र सागर गुप्ता ने बताया कि हमें रविवार दोपहर को फोन आया कि उनके पिता का निधन आधी रात एक बजे हो गया है। जब हमने पूछा कि इतनी देर से क्यों जानकारी दी जा रही है तो अस्पताल के अधिकारी ने कहा कि उनके पास संपर्क करने का पूरा पता नहीं था।
सागर गुप्ता ने बताया है कि जब वे लोग अस्पताल में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनके पिता के शव को दाह संस्कार के लिए श्मशान घाट ले जाया गया। जब हम शिबपुर श्मशान घाट पहुंचे तो हमसे शव दिखाने के लिए 51 हजार रुपये की मांग की गई। लेकिन हमने जब इसका जोरदार विरोध किया तो अस्पताल के अधिकारी ने 31 हजार रुपये की मांग की।
गुप्ता ने बताया कि उनके पिता का शव नहीं दिखाए जाने पर उन्होंने पुलिस को फोन किया और घटना के बारे में बताया। पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन अस्पताल के अधिकारी ने तब भी शव दिखाने से इनकार कर दिया और पुलिस अधिकारी से कहा कि आप जाकर अस्पताल के उच्च अधिकारी से बात करें।
इस पूरे वाकये की जब परिवार के एक सदस्य ने मोबाइल से वीडियो करने लगा तो उनका मोबाइल छीन लिया गया। अंततः बिना शव को देखे ही पीड़ित परिवार को श्मशान घाट से लौटना पड़ा और शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब यह पीड़ित परिवार इस संबंध में एक एफआईआर दर्ज कराने पर विचार कर रहा है (प्रतिकात्मक तस्वीर)।
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