बंगालः नोबेल विजेता अमर्त्य सेन के समर्थन में सड़क पर उतरे बुद्धिजीवी

27/12/2020,8:01:51 PM.

 

कोलकाताः गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्वभारती विश्वविद्यालय की जमीन कब्जाने के आरोपों में घिरे नोबेल विजेता अमर्त्य सेन के समर्थन में पश्चिम बंगाल का बुद्धिजीवी वर्ग उतर गया है।

रविवार को बंगाल के बुद्धिजीवी सड़क पर उतरे और अकादमी ऑफ फाइन आर्टस के सामने अमर्त्य के समर्थन में प्रदर्शन किया। इन लोगों ने विश्वभारती विश्ववित्यालय के प्रबंधन और केंद्र सरकार पर अमर्त्य सेन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया, तो प्रोफेसर अमर्त्य सेन को बंगाल और विश्व का गर्व करार दिया।

विश्वभारती की जमीन कब्जाने के आरोप के बाद प्रोफेसर सेन ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा था कि शांति निकेतन में उनके अधिकार वाली जमीन रिकॉर्ड में दर्ज है और पूरी तरह से लंबी अवधि के लिए पट्टे पर है। अमर्त्य सेन उन खबरों पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे जिनमें कहा गया था कि विश्वभारती ने उनका नाम उन लोगों की सूची में शामिल किया है जिन्होंने गैर कानूनी ढंग से अतिरिक्त जमीन पर कब्जा कर रखा है।

विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती परिसर में पट्टे की जमीन पर अवैध कब्जे को हटाने की व्यवस्था करने में व्यस्त हैं और उनका (सेन) नाम भी कब्जा करने वालों की सूची में रखा गया है। इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमर्त्य सेन के समर्थन में पत्र लिखा था और कहा था कि केंद्र के खिलाफ बोलने की वजह से ही सेन के खिलाफ साजिश रची जा रही है। गायक कबीर सुमन और गायक सुरजीत चटर्जी सहित अन्य बुद्धिजीवी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

कबीर सुमन ने कहा कि अगर कोई कहता है कि क्षितिमोहन सेन की बेटी या उसके पति ने एक जमीन खरीदी है और अगर कोई कहता है कि यह अवैध है तो कहने के लिए कुछ भी नहीं होगा। हम हार नहीं मानेंगे। गायक सुरजीत चटर्जी ने कहा कि हर चीज की एक सीमा होनी चाहिए। मुझे नहीं लगता कि अमर्त्य सेन इसके हकदार हैं। मैं वास्तव में इसका विरोध कर रहा हूं।

मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि भाजपा सरकार जिस तरह से बंगाल की विभूतियों का अपमान कर रही है, इसका जोरदार विरोध होगा। चित्रकार शुभप्रसन्ना ने कहा, “यह उन विचारधाराओं का जवाब देने का समय है जो हमारी विचारधारा पर उंगली उठा रहे हैं।

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