10/09/2020,8:31:29 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः पश्चिम बंगाल के राजनीतिक गलियारे में अगले विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से गठबंधन की सुगबुगाहट होने लगी है। दरअसल प्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने यह स्पष्ट कह दिया है कि 2021 के चुनाव में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस को पुनः सत्ता में आने और भाजपा को सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए उनकी पार्टी वाममोर्चा के साथ गठबंधन करने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा सांप्रदायिकता की पोषक हैं।
चौधरी ने गुरुवार को ही प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष पद संभाला है। एक दिन पहले पार्टी आलाकमान की तरफ से उनके नाम की घोषणा की गई थी। उनके वाममोर्चा के साथ गठबंधन की बात कहना काफी मायने रखता है। चौधरी ने पदभार ग्रहण करने के बाद कहा कि कांग्रेस के धर्मनिरपेक्ष आदर्श बीजेपी एवं तृणमूल की सांप्रदायिक बयानबाजी को पराजित करेंगे। हम तृणमूल कांग्रेस के कुशासन के खिलाफ कांग्रेस वाम मोर्चे के साथ मिलकर पूरे जोश से लड़ना चाहते हैं। उन्होंने पिछले लोकसभा में वाममोर्चा के गठबंधन नहीं करने पर कहा कि हम सीपीएम और दूसरे वाम दलों के साथ समझौता कभी खत्म नहीं करना चाहते थे, लेकिन सीपीएम को शायद यह लगा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करने से उसे अपेक्षित सफलता नहीं मिली। बहरहाल, कांग्रेस ने ऐसा कभी नहीं सोचा।
अधीर रंजन चौधरी को तृणमूल कांग्रेस की मुखिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कट्टर विरोधी कहा माना जाता है। जब कांग्रेस पार्टी तृणमूल कांग्रेस के करीब थी तब भी चौधरी ममता की खुलकर आलोचना करते थे। दरअसल सत्ता में आने के बाद से ममता ने अधीर के उनके गृह जिले मुर्शिदाबाद में उनकी राजनीतिक जमीन पर कब्जे की काफी कोशिश की थीं। चौधरी के कई करीबी नेताओं को उन्होंने तृणमूल में साथ मिला लिया था। बावजूद इसके चौधरी पिछले लोकसभा चुनाव में बरहमपुर सीट से जीतने में कामयाब रहे थे।
बहरहाल अधीर रंजन चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने से अब बंगाल की सियासत में नई गर्मी आएगी। जाहिर है जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव करीब आता जायेगा, अपनी-अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए पार्टियों में प्रतिस्पर्धा तेज होती जाएगी।
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