बंगाल के निर्भयाकांड में आया नया मोड़, फांसी सजायाफ्ता को आजीवन कारावास

07/10/2023,4:45:25 PM.

कोलकाताः दिल्ली की निर्भया गैंग रेप की तरह ही चर्चा में रहे पश्चिम बंगाल के कामदुनी रेपकांड के अभियुक्तों के संबंध में शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुनाया। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के न्यायाधीश जयमाल्य बाग्ची और न्यायाधीश अजय कुमार गुप्ता ने निचली अदालत से फांसी के सजायाफ्ता सईफुल अली और अंसार अली की सजा को बदल कर आजीवन सश्रम कारादंड की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने निचली अदालत से ही फांसी के सजायाफ्ता तीसरे अभियुक्त आमिल अली को बेकसूर ठहाया। हाई कोर्ट ने इस मामले में ही निचली अदालत से आजीवन सजा याफ्ता इमानूल इस्लाम, आमिनूर इस्लाम एवं भोलानाथ नस्कर को 10 साल तक जेल में रहने के कारण रिहा करने का निर्देश दिया। हाई कोर्ट के इस फैसले से पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ ही कामदुनी इलाके के लोगों में गहरा असंतोष दिखाई दिया। कामदुनी रेपकांड के खिलाफ आंदोलन की चेहरा बनी स्थानीय महिला सिंदा मौसमी और टुम्पा कयाल हाई कोर्ट के फैसले से काफी मर्माहत दिखीं। उन्होंने कहा कि वे अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगी और निर्भयाकांड के वकील की सहायता लेंगी।

गौरतलब है कि साल 2013 के 7 जून को उत्तर 24 परगना जिले के कामदुनी इलाके की रहने वाली छात्रा कॉलेज से लौट रही थी, तभी उसका अपहरण कर ना सिर्फ उसका सामूहिक दुष्कर्म किया गया, बल्कि बुरी तरह से उसकी हत्या भी कर दी गई थी। इस घटना के प्रकाश में आने के बाद कामदुनी की स्थानीय महिला सिंदा मौसमी और टुम्पा कयाल के नेतृत्व में व्यापक आंदोलन शुरू किया गया। पूरे राज्य में इसे लेकर प्रदर्शन किया गया। इस घटना को पश्चिम बंगाल के निर्भया कांड के तौर पर देखा गया। दोषियों की कड़ा सजा की मांग पर हुए व्यापक आंदोलन की वजह से जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया था। सीआईडी ने नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में जमा दी थी। बैंकशाल कोर्ट की न्यायाधीश संचिता सरकार ने इस मामले में 30 जनवरी 2016 को छह अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी। तीन अभियुक्तों सइफुल अली मोल्ला, अनसार अली और आमिन अली को फांसी की सजा सुनाई, जबकि बाकी तीन अभियुक्तों शेख इमानूल इस्लाम, आमिनूर इस्लाम और भोलानाथ नस्कर को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। लेकिन दो सप्ताह बाद ही अभियुक्तों की तरफ से निचली अदालत के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर सुनवाई की अपील की गई थी।

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