07/01/2021,8:49:30 PM.
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कोलकाताः कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चा ने अप्रैल-मई में पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए गुरुवार सीट बंटवारे को लेकर बैठक की। इसमें वाम मोर्चे के अध्यक्ष बिमान बोस, कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान, और अन्य नेताओं ने चर्चा में भाग लिया।
सूत्रों ने कहा कि दोनों पार्टियों ने अपने अपने जीते हुए विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारी बरकरार रखने को लेकर भी चर्चा की है। यानी जिस सीट पर जिस पार्टी के विधायक पहले से हैं वह सीट उसी पार्टी की झोली में डालने पर वार्ता हुई है। हालांकि इस बारे में सहमति बन सकी है या नहीं, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सूत्रों ने यह भी बताया कि दोनों पार्टियों में 50-50 सीट बंटवारे कर चुनाव लड़ने की सहमति बन सकती है। हालांकि कांग्रेस बड़े भाई की भूमिका निभाने के मूड में है। इसकी वजह यह है कि लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने माकपा से अधिक सीटें जीती है और 2016 के माकपा-कांग्रेस गठबंधन में कम सीटों पर लड़ने के बावजूद कांग्रेस ने अधिक सीटें जीती थी।
कांग्रेस हाई कमान और वाम मोर्चा के घटक दलों के केंद्रीय नेतृत्व ने सीट साझा करने की व्यवस्था के लिए अपनी राज्य इकाइयों को वार्ता का निर्देश पहले ही दे दिया है। कांग्रेस ने राज्य अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी, अब्दुल मन्नान, राज्यसभा सांसद प्रदीप भट्टाचार्य और विधायक नेपाल महतो को लेकर चार सदस्यीय समिति का गठन किया है। कांग्रेस और वाम दलों ने संयुक्त रूप से 2016 में राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बनने के कारण गठबंधन नहीं कर सके थे।
इस बार सूत्रों ने बताया है कि दोनों ही पार्टियों के सुर नरम है और गठबंधन के पक्ष में सार्थक वार्ता हो रही है।दोनों ही पार्टियां मिलकर राज्य भर में अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही हैं। सभी 294 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना है। इसके पहले 2016 में दोनों पार्टियों ने मिलकर चुनाव लड़ा था माकपा ने 148 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे जिसमें से 26 सीटों पर जीत मिली थी जबकि कांग्रेस ने 92 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें 44 सीटों पर जीत मिली थी।
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