14/10/2020,9:00:46 PM.
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की वैश्विक पहचान मानी जाने वाली दुर्गा पूजा को इस बार महामारी कोरोना के दौर में रोकने के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय में जनहित याचिका लगाई गई है।
न्यायालय सूत्रों ने बुधवार को बताया कि दुर्गा पूजा की वजह से महामारी का संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है जो किसी भी सरकार के लिए संभालना मुश्किल होगा। इसीलिए लोगों की जान की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए दुर्गा पूजा पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। कहा गया है कि महामारी के समय लोगों की जान सबसे कीमती है न कि धर्म। इसमें इस बात का भी जिक्र किया गया है कि केरल राज्य में महत्वपूर्ण त्यौहार ओणम पर पाबंदी लगा दी गयी थी। महाराष्ट्र में गणेश पूजा और मुहर्रम पर भी रोक थी। उसी तरह से पश्चिम बंगाल में भी भारी भीड़ एकत्रित करने वाली दुर्गा पूजा पर भी पाबंदी लगाई जानी चाहिए।
दरअसल केंद्र सरकार ने जो निर्देशिका जारी की है उसमें स्पष्ट किया है कि कंटेनमेंट जोन में दुर्गा पूजा नहीं की जानी चाहिए। बिहार, उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पूजा पर बहुत हद तक पाबंदी लगाई गयी है लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है। इसकी कई वजहें हैं। सबसे बड़ी वजह राजनीतिक है। अगर ममता सरकार दुर्गा पूजा पर रोक लगाती है तो विपक्ष आरोप लगाएगा कि हिंदुओं के त्योहारों पर मुख्यमंत्री ने पाबंदी लगा दी और अगर रोक नहीं लगाती है तो संक्रमण बढ़ने का खतरा है। बंगाल में अगले साल चुनाव है इसलिए ममता सरकार ने पूजा पर रोक नहीं लगाई और सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए दुर्गा पूजा की छूट दी गयी है।
इधर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है कि अगर दुर्गा पूजा होती है तो राज्य भर में भारी भीड़ उमड़ेगी और इससे संक्रमण के काफी तेजी से फैलने की आशंका है। इसलिए अब उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका लगाई गयी है ।
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