26/08/2020,5:13:47 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः पश्चिम बंगाल के बांकुड़ा की रहने वाली आकांक्षा शर्मा की हत्या के बहुचर्चित मामले में फास्ट ट्रेक कोर्ट का फैसला आ गया है। आशा के मुताबिक कोर्ट ने हत्या के अभियुक्त उदयन दास को आजीवन सजा सुनाई है।
आकांक्षा की भोपाल में साल 2017 में 15 जुलाई को गला दबा कर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद उदयन ने उसकी लाश को अपने घर में एक बक्से में बंद कर सीमेंट से पुतवा दिया था। बांकुड़ा पुलिस की जांच-पड़ताल में इस खौफनाक घटना का उजागर हुआ था।
सरकारी वकील के मुताबिक बांकुड़ा फास्ट ट्रैक कोर्ट ने उदयन को आजीवन सजा के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही और दो वर्ष की जेल की सजा है। लेकिन उदयन के वकील ने कहा है कि वे सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे। लेकिन इधर आकांक्षा के परिवार का कहना है कि उदनय को आजीवन सजा दिये जाने से आकांक्षा को न्याय मिला है। हालांकि उनका कहना है कि उसे फांसी की सजा होनी चाहिए थी।
दरअसल बांकुड़ा की रहने वाली 28 साल की आकांक्षा शर्मा की साल 2016 में फेसबुक के जरिये भोपाल के साकेतनगर के रहने वाले उदयन शर्मा से दोस्ती हुई थी। धीरे-धीरे यह दोस्ती इतनी गहरी होती गई कि उसका उदयन पर विश्वास बढ़ता गया। और, फिर उसने इतना बड़ा कदम उठा लिया कि उसके पास जाने का फैसला किया।
दरअसल उदयन ने आकांक्षा को यूनिसेफ में नौकरी लगाने का झांसा दिया था। उसने अमेरिका में ज्वाइन करने संबंधी लेटर भी भेजा था। आकांंक्षा ने उस पर विश्वास कर लिया, और वह 23 जून को घर से भोपाल के लिए निकल गई थी। लेकिन वहां पहुंचने पर आकांक्षा के साथ उदयन ने अलग ही कहानी पेश की। भोपाल में आकांक्षा को रोके रखने के लिए उदयन ने बहलाने-फुसलाने की कोशिश की। लेकिन 15 जुलाई को उदयन ने उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। और, लाश को एक बक्से में रख अपने घर में चुनवा दिया।
लेकिन उदयन ने आकांक्षा की हत्या के बाद भी चालाकी जारी रखी। वह आकांक्षा के मोबाइल से उसके घर बांकुड़ा में मैसेज भेजता रहा कि वह अमेरिका पहुंच गई है। इस तरह वह कई महीनों तक आकांक्षा के माता-पिता को गुमराह करता रहा। लेकिन फोन पर उससे बात नहीं होने से परिवार को संदेह होने लगा। तब उन्होंने 5 दिसंबर को बांकुड़ा सदर थाना में मीसिंग डायरी की। इसके बाद बांकुड़ा पुलिस ने जांच-पड़ताल शुरू की तो हैरतअंगेज जानकारी मिली। आकांक्षा के मोबाइल के लोकेशन को ट्रैक कर पुलिस का पता चला कि मैसेज भोपाल से आ रहा है। पुलिस की एक टीम वहां पहुंची और उदयन को धर दबोचा। कड़ी पूछताछ में उदयन ने सारा सच उगल दिया।
भोपाल के साकेत नगर स्थित उदयन दास के घर से आकांक्षा का कंकाल बरामद हुआ जो एक बक्से में बंद कर सीमेंट की बेदी बनाकर चुनवा दिया गया था। यह घटना ना सिर्फ भोपाल, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश और देश में चर्चा का विषय बन गया था। पुलिस को पूछताछ में उदयन शातिर हत्यारा निकला। आकांक्षा की निर्मम हत्या करने से पहले उसने 2010 में अपने पिता बिरेंद्र कुमार और मां इंद्राणी दास की भी हत्या की थी और दोनों की लाशों को एक बागीचे में जमीन के नीचे दबा दिया था। 5 फरवरी को पुलिस ने रायपुर में जाकर उसके माता-पिता के कंकाल को भी बरामद किया था।
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