बिहार- नल-जल योजना में करोड़ों की धांधली, जांच के आदेश

13/12/2020,4:08:11 PM.

 

डीएम ने कहा – जिले की सभी पंचायत के दो वार्डो की टीम करेगी जांच
जिस वार्ड में मिलेगी गड़बड़ी, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई

 

गोपालगंज:  मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट नल जल योजना में प्रखंडों में लाखों रुपये का घालमेल किया गया है। इसके कारण मुख्यमंत्री ने नलजल योजना की जांच कराने की बात कही है और जिलाप्रशासन ने जांच अभियान शुरू कर दिया है।

जिलाधिकारी ने रुपये की बंदरबांट करने वाले जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों पर शिकजा कसना शुरू कर दिया है। खबर है कि थावे प्रखंड की जगमलवा पंचायत में लाखों रुपए नलजल में घोटाला करने के आरोप में एजेंसी के मालिक नीरज कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार का शुक्रवार को जेल भेज दिया। मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में शामिल मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना की प्रभावकारी एवं क्रियाशीलता की जांच रेंडमली की जाएगी। इसके लिए सूबे के पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव ने भी दिशा निर्देश जारी किया है।

इस दिशा निर्देश पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को रेंडमली जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है। इसके लिए पंचायत वार वार्ड भी चिन्हित करते हुए वहां के 10 से 15 लोगों से नल जल योजना की क्रियाशीलता के संबंध में मंतव्य भी लेना है। जिला पंचायती राज पदाधिकारी ब्रजकिशोर प्रसाद सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि सर्वेक्षण कार्य जिले के प्रत्येक प्रखंड की एक सुदूर पंचायत के दो वार्डों में किया जाना है। संबंधित सर्वेक्षण कार्य में प्रति वार्ड 15 लाभार्थियों से वांछित जानकारी भी लेनी है।

उन्होंने बताया कि 1 से 10 वार्ड वाली ग्राम पंचायत में वार्ड संख्या -3 एवं 6 का सर्वेक्षण किया जाना है। 15 वार्ड वाली ग्राम पंचायत में वार्ड संख्या 7 एवं 12 का सर्वेक्षण किया जाना है।जिले के अधिकांश प्रखंडों की विभिन्न पंचायतों में नलजल योजना में अनियमितता बरतने वालों पर गाज गिरनी तय है। डीएम अरशद अजीज ने जिले के सभी प्रखंडों के एक -एक वार्ड की पारदर्शिता से जांच कराने की हिदायत दी है। उन्होंंने बताया कि जांच के दौरान जिस भी वार्ड में अनियमितता मिलेगी, उसके जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।

गोपालगंज जिले की 234 पंचायतों के 2577 वार्डो में नलजल योजना का कार्य वित्तीय वर्ष 2016-17 में शुरू किया गया था। अधिकतर वार्डों में अधिकतम राशि की निकासी कर लेने के बावजूद केवल बोरिंग कर लंबे समय तक छोड़ दिया गया था। पिछले चार वर्षों से लगातार अधिकारियों की चेतावनी के बावजूद बहुत से वार्ड में कार्य अबतक अधूरा है।

इस योजना में ठेकेदारी प्रथा के कारण भी लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे लोगों में सरकार व अधिकारियों के खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा है। डीएम अरशद अजीज ने कहा कि सरकार के पत्र आते ही सभी बीडीओ को जांच का आदेश दिया गया। उसकी जांच के बाद जिला स्तरीय पदाधिकारी की टीम जांच करेगी। अगर अधिकारी भी जांच में घालमेल करते पाए जाएंंगे तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।

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