18/08/2020,4:39:09 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः महाराष्ट्र समेत दक्षिण के राज्यों पर क्षेत्रवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगता है लेकिन हिंदीपट्टी के राज्य भी इससे पीछे नहीं हैं। अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने घोषणा कर दी है कि यहां के सरकारी नौकरी केवल राज्य के युवक-युवतियों के लिए होगी। लेकिन चौहान की इस घोषणा पर सबसे पहले कड़ी प्रतिक्रिया जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की तरफ से आई है।
चौहान ने आज वीडियो संदेश जारी कर राज्य की सरकारी नौकरियों के संबंध में अपनी सरकार के नए फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल राज्य के बच्चों को ही दी जाएगी। इसके लिए हम आवश्यक कानूनी प्रावधान कर रहे हैं। मध्य प्रदेश का संसाधन राज्य के बच्चों के लिए हैं।’ इस संबंध में उन्होंने दो-दो ट्वीट कर भी जानकारी दी।
मध्यप्रदेश के युवाओं का भविष्य ‘बेरोजगारी भत्ते’ की बैसाखी पर टिका रहे यह हमारा लक्ष्य ना कभी था और ना ही है। जो यहाँ का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है। मेरे बच्चों, खूब पढ़ो और फिर सरकार में शामिल होकर प्रदेश का भविष्य गढ़ो।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 18, 2020
मालूम हो कि शिवराज चौहान के पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी राज्य में नौकरियों को लेकर एक बात कही थी। हालांकि वह गैर सरकारी नौकरी के संबंध में थी। उन्होंने कहा था कि राज्य में पैदा होने वाली सभी गैरसरकारी नौकरियों में से 70 फीसदी राज्य के लोगों के लिए होनी चाहिए।
बहरहाल मुख्यमंत्री शिवराज चौहान द्वारा सरकारी नौकरी को राज्यवासियों के लिए आरक्षित करने पर देश के कई नेताओं की तरफ से सवाल उठाए गए हैं। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जब जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बाहर के लोग नौकरी पा सकते हैं तो मध्य प्रदेश में ठीक इसके उलट क्यों किया जा रहा है। उमर ने चौहान के फैसले की आलोचना की है।
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