21/10/2020,4:53:15 PM.
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कैबिनेट में पुस्तकालय मंत्री सिद्धिकुल्ला चौधरी ने पिछले महीने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हाथों गिरफ्तार किए गए 10 अलकायदा आतंकियों को तत्काल प्रभाव से रिहा करने की मांग की है। घोर कट्टरपंथी संगठन जमाते उलेमा-ए-हिंद के राज्य अध्यक्ष चौधरी ने दावा किया कि एनआईए ने पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से सात और केरल से जिन तीन मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया है वे आतंकवादी नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने के लिए युवाओं को फंसाया जा रहा है। उनका यह वीडियो सोशल साइट पर बुधवार को तेजी से वायरल हो रहा है। अल-कायदा के 10 संदिग्ध गुटों में से सात मुर्शिदाबाद से थे, जबकि तीन को केरल के एर्नाकुलम जिले में गिरफ्तार किया गया था। सिद्दीकुल्ला चौधरी ने कहा कि हमने पहले ही कई लोगों के साथ बात की और उसके बाद मैं मांग कर रहा हूं कि एनआईए द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को बिना शर्त रिहा किया जाए। एनआईए के जवानों ने गांव में प्रवेश किया और निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किया। राज्य पुलिस को कुछ पता नहीं था। बंदियों के ठिकाने के बारे में घर के लोगों को जानकारी नहीं दी जा रही है। गिरफ्तार युवकों के अपराध के बारे में एनआईए कुछ नहीं कह रही है। 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने वाले मंत्री ने एनआईए और नरेंद्र मोदी सरकार पर गिरफ्तार लोगों को आतंकवाद से जोड़कर मुस्लिम समुदाय को बदनाम करने का आरोप लगाया।
सिद्दीकुल्ला ने कहा कि मुर्शिदाबाद के उन इलाकों से जहां से कुछ आरोपितों को गिरफ्तार किया गया था, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) नियमित रूप से निर्दोष ग्रामीणों को हिरासत में रखता है और उनसे पूछताछ करता है। मंत्री ने आरोप लगाया कि एनआईए मूल रूप से निर्दोष ग्रामीणों को परेशान कर रही है। वे बूढ़े लोगों को भी परेशान कर रहे हैं।
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