माझेरहाट ब्रिज के सुरक्षा प्रमाण पत्र को रेलवे की मंजूरी

27/11/2020,10:03:53 PM.

 

कोलकाता: दक्षिण कोलकाता में नवनिर्मित माझेरहाट ब्रिज खोलने को लेकर राज्य सरकार और रेलवे एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे। हालांकि काफी चर्चा के बाद इस विवाद पर विराम लग गया। रेलवे द्वारा देरी के सीएम ममता बनर्जी के आरोप के बाद पूर्व रेलवे ने सफाई दी थी और साफ किया था कि सहमति पत्र राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी के पास लंबित है। अब शुक्रवार को रेलवे ने सुरक्षा प्रमाण पत्र को अनुमोदन दे दिया। इसकी जानकारी पूर्व रेलवे ने दी है।

बताया गया है कि माझेरहाट ब्रिज के संयुक्त निरीक्षण के बाद सुरक्षा प्रमाण पत्र अनुमोदन के लिए राज्य के लोक निर्माण विभाग से शुक्रवार को रेलवे के पास पहुंचा और शुक्रवार को ही इसका अनुमोदन रेलवे ने दे दिया।

उल्लेखनीय है कि लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री अरूप विश्वास ने नवनिर्मित माझेरहाट पुल के उद्घाटन में देरी के लिए रेलवे के अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था रेलवे अधिकारी इससे संबंधित आवश्यक मंजूरी नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि रेलवे से मंजूरी मिलने के बाद नवनिर्मित पुल को आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।

26 नवंबर को माझेरहाट ब्रिज खोलने की मांग पर भाजपा ने जोरदार प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई थी। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था, जिसमें कई भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए थे। पुलिस ने 80 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया था। इस प्रदर्शन में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए थे।

उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य सरकार जल्द से जल्द ब्रिज खोलना चाहती है, लेकिन रेलवे की वजह से देर हो रही है। इधर, रेलवे ने ब्रिज को खोलने में हुई देरी को लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि माझेरहाट आरओबी सितंबर 2018 में रखरखाव की विफलता के कारण ढह गया। संरचना पीडब्ल्यूडी के रख-रखाव के अंतर्गत है जो राज्य सरकार के अधीन थी। शुरुआत में पश्चिम बंगाल सरकार ने आरओबी को स्ट्रिंग स्टील के गर्डरों के साथ बनाने का फैसला किया, लेकिन जनवरी 2019 में उन्होंने इस फैसले को बदल दिया। इसने चार महीनों से अधिक समय का नुकसान किया।

वहीं पीडब्ल्यूडी द्वारा रेलवे को दी गई प्रस्तुत सुपर स्ट्रक्चर के ड्राफ्ट डिजाइन और ड्रॉ में कई तकनीकी कमियां थीं। अंततः पश्चिम बंगाल सरकार और पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों द्वारा लगे विदेशी डिजाइनरों के साथ रेलवे की चार और पांच जुलाई, 2019 को हुई बैठक में आखिरकार इस मुद्दे को सुलझाया गया। आरओबी की सुपर संरचना के लिए अंतिम डिजाइन और आरेखण उपरोक्त बैठक के लगभग एक महीने के बाद पीडब्ल्यूडी द्वारा रेलवे को प्रस्तुत किए गए थे। इसी तरह कई चीजों को लेकर ब्रिज के बनने व सुरक्षा टेस्टिंग में देरी होती गयी।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *