05/09/2020,1:32:58 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः चीन एक तरफ बातचीत कर रहा है, दूसरी तरफ लद्दाख में यथास्थिति बदलने के लिए बल का प्रयोग कर रहा है। चीन की इस चालबाजी को भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल वी फेंगे की आंखों में आंखें डालकर दो टूक शब्दों में कह दिया है कि दोनों चीजें एक साथ नहीं चल सकती हैं। अगर चीन अपना आक्रमक रवैया नहीं छोड़ता है तो भारत और जोरदार तरीके से जवाब देने के लिए तैयार है।
रूसी राजधानी मास्को में इन दिनों शंघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ की बैठक चल रही है जिसमें भारत, चीन और रूस समेत अन्य सदस्य देशों के रक्षा मंत्री हिस्सा ले रहे हैं। बैठक से इतर भारत और चीन के रक्षा में मिले और लद्दाख के मुद्दे में जारी तनाव को कम करने पर चर्चा हुई। मालूम हो कि पिछले मई महीने से लद्दाख में जारी तनाव के बीच यह पहली मंत्री स्तरीय आमने-सामने की बैठक है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष जनरल वी फेंगे से साफ-साफ कहा कि पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से पहले की स्थिति कायम करें। शांति के लिए चीन को सेना पीछे हटानी ही होगी।
राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री जनरल वी फेंगे को पिछले 29-30 अगस्त की रात लद्दाख के पेंगो त्शो झील पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प का मुद्दा उठाया। उन्होंने पीएलए के कदम को शांति के लिए गंभीर मुद्दा बताया। रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय सैनिकों ने हमेशा सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत ही जिम्मेदार रुख अपनाया है, लेकिन भारत की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के हमारे संकल्प के बारे में भी कोई संदेह नहीं होना चाहिए। रक्षा मंत्री ने जोर देकर कहा कि चीनी सैनिकों की कार्रवाई, बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना, उनके आक्रामक व्यवहार और एकतरफा रूप से यथास्थिति को बदलने का प्रयास द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है।
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