31/08/2020,12:18:52 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः जून महीन में लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन के सैनिकों की खूनी संघर्ष के बाद एक बार फिर से झड़प हुई है। इस बार चीनी सैनिकों ने पैंगॉन्ग त्सो झील के पास भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश की जिसे भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दिया। इस दौरान दोनों सेनाओं के सैनिकों के बीच झड़प हुई है। फिलहाल किसी हताहत के बारे में कोई सूचना नहीं है। तनाव कम करने के लिए ब्रिगेडियर स्तर की बातचीत आज शुरू हो चुकी है।
लद्दाख के पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिण किनारे पर चीनी सैनिकों के साथ झड़प की खबर स्वयं सेना ने दी है। सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने एक बयान जारी कर बताया है कि सेना के जवानों ने भारतीय पोस्ट को मजबूत करने और जमीन पर तथ्यों को एकतरफा बदलने के लिए चीनी इरादों को विफल करने की कार्रवाई की। उन्होंने बताया है कि 29-30 अगस्त की रात चीनी सेना पीएलए ने क्षेत्र में सीमा उल्लंघन का प्रयास किया और स्थिति बदलने की कोशिश जिससे तनाव की स्थिति पैदा हुई है। चीनी सेना की यह कार्रवाई पूर्व लद्दाख में जारी तनाव को कम करने के लिए जारी सैन्य और कूटनीतिक प्रयासों को कमजोर करनेवाला है।
सेना सूत्रों ने कहा है कि भारतीय सेना बातचीत के जरिए शांति बनाए रखने का पक्षधर है लेकिन उसी पैमाने पर अपने क्षेत्र की संप्रभुता बनाए रखने के लिए भी दृढ़ है। उन्होंने यह भी कहा बड़ी भारी संख्या में चीनी सैनिक अपने इरादे को पूरा करने के लिए आए थे लेकिन उन्हें भारतीय सेना के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा।
मालूम हो कि गत 15 जून की रात गलवान घाटी में भारतीय चीनी सैनिकों में बड़े स्तर पर खूनी संघर्ष हुआ था जिससे 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस झड़प में काफी संख्या में चीनी सैनिक भी हताहत हुए थे लेकिन दो महीने बाद भी चीन की सेना और सरकार ने यह तो स्वीकार किया कि उसके सैनिक मारे गए हैं लेकिन उनकी कितनी संख्या है, इसका खुलासा नहीं किया है। बहरहाल 1967 के बाद भारत और चीन की सैनिकों में पहली बार खूनी संघर्ष के बाद से लद्दाख में एलएसी पर दोनों तरफ की सेनाओं का भारी जमावड़ा है। भारत ने चीन के किसी भी कार्रवाई को जवाब देने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों के साथ तोप, टैंक और अन्य जरूरी युद्धक सामान तैनात रखे हैं। वहीं एयरफोर्स के फाइटर जेट भी पूरी तरह मुस्तैद हैं।
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