24/10/2020,2:03:26 PM.
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जोशीमठ: शीतकाल में भगवान बदरी विशाल के कपाट बंद किए जाने का मुहूर्त विजयादशमी पर रविवार को तय किया जाएगा। श्री बदरीनाथ मंदिर से सीधे जुड़े हकहकूक धारी समाज के बारीदारों को अगले वर्ष के लिए नामित करते हुए पगड़ी पहनाई जाएगी। शीतकालीन कपाट बंद होने का मुहूर्त प्रतिवर्ष विजयादशमी के पावन पर्व पर ही तय किया जाता है।
श्री बदरीनाथ मंदिर परिसर में रविवार को मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी की मौजूदगी में धर्माधिकारी आचार्य भुवन चंन्द्र उनियाल पंचांग गणना के बाद मुहूर्त घोषित करेंगे। देवस्थानम् बोर्ड के गठन के बाद कपाट बंद किए जाने के मुहूर्त तय किए जाने का यह पहला उत्सव है। बोर्ड ने कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं।
धर्माधिकारी आचार्य उनियाल के अनुसार विजयदशमी पर्व पर प्रात: 9.30 बजे भगवान को राजभोग चढ़ाया जाएगा। इसके उपरांत नवरात्रि पूजन का समापन तथा ठीक 11:30 बजे से मुख्य पुजारी रावल की मौजूदगी मे दरबार सजेगा। पवित्र आद्य शंकराचार्य गद्दी को साक्षी मानते हुए शीतकाल के लिए कपाट बंद किए जाने का मुहूर्त तय किया जाऐगा।
उल्लेखनीय है कि भगवान बदरी विशाल के कपाट खुलने का मुहूर्त बसंत पंचमी के अवसर पर टिहरी राज दरबार में टिहरी नरेश की मौजूदगी मे राज पुरोहित तय करते हैं। कपाट बंद होने का मुहूर्त बदरीनाथ धाम में ही तय किया जाता है। इस वर्ष कपाट खुलने का तय मुहूर्त 30 अप्रैल था। कोविड-19 के कारण 15 दिन बाद 15 मई को कपाट खोले जा सके। जुलाई से ही दर्शनों की अनुमति दी गई।विजयादशमी के मौके पर ही पौराणिक पंरपरानुसार श्री बदरीनाथ मंदिर से सीधे जुड़े हकहकूकधारी समाज के वृत्तिधारकों को अगले वर्ष के लिए वृत्ति का पत्रक व पगड़ी पहनाई जाती है।
इस बार यात्रा निर्बाध रूप से नही चल सकी। इसलिए गत वर्ष के वृत्तिधारकों को ही अगले वर्ष के लिए अवसर दिए जाने का निर्णय लिया गया है। गत वर्ष के वृत्तिधारक किशोर पंवार के अनुसार पांडुकेश्वर के मेहत्ता, भंडारी व कमदी थोक ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष के वृत्ति धारकों को ही अगले वर्ष के लिए नामित किया जाए। इस वर्ष तीनों थोकों के अध्यक्ष गणों को पगड़ी पहनाई जाएगाी।
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