08/01/2021,8:13:53 PM.
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कोलकाताः 2007 में तत्कालीन वाममोर्चा शासन के दौरान पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में हुए बहुचर्चित आंदोलन के मुख्य सूत्रधार रहे ममता बनर्जी के पूर्व सहयोगी शुभेंदु अधिकारी ने एक बार फिर मुख्यमंत्री बनर्जी को चुनौती दी है। भाजपा में शामिल होने के बाद शुभेंदु को बंगाल में मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर देखा जा रहा है और शुभेंदु ने भी अपने आप को ममता से बेहतर साबित करने की कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
जिस आंदोलन के जरिए ममता बनर्जी को 2011 में सत्ता मिली थी। उसी नंदीग्राम में आगामी 18 जनवरी को सभा करने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की है। अब शुक्रवार को शुभेंदु अधिकारी ने साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री की सभा के ठीक बाद 19 जनवरी को वह भी नंदीग्राम में सभा करेंगे। इसके पहले ममता ने सात जनवरी को सभा की घोषणा की थी। तब भी शुभेंदु ने चुनौती देते हुए कहा था कि आठ जनवरी को वह नंदीग्राम में सभा करेंगे। हालांकि ममता ने बाद में अपनी सभा रद्द कर दी थी। शुक्रवार को शुभेंदु ने अपनी सभा के दौरान दोबारा 18 जनवरी ममता की सभा के जवाब में 19 को जबाबी सभा की घोषणा की है।
तृणमूल सूत्रों ने बताया है कि 18 जनवरी को मुख्यमंत्री तेखाली ब्रिज के पास सभा करेंगी। शुभेंदु के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद यहां तृणमूल कांग्रेस ने विधायक अखिल गिरी को संगठन की जिम्मेवारी दी है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन सीएम बुद्धदेब भट्टाचार्य की पुलिस ने ग्रामीणों पर फायरिंग की थी जिसमें 14 लोग मारे गए थे। इसके बाद आंदोलन और तेज हो गया था। इसीका परिणाम हुआ कि उसके बाद 2009 के लोकसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी के सांसदों की संख्या तत्कालीन सरकार में शामिल वाममोर्चा से ज्यादा हो गयी थी और 2011 में वह सत्ता पर आरूढ़ हो गयी थीं। अब एक बार फिर विधानसभा का चुनाव होना है और इस आंदोलन के मुख्य सूत्रधार व ममता बनर्जी से भी बड़ा जनाधार रखने वाले शुभेंदु अधिकारी भाजपा के हो चुके। अब नंदीग्राम को लेकर तृणमूल और भाजपा के बीच शक्ति प्रदर्शन चल रहा है।
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