04/12/2020,11:24:46 AM.
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कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) की घोषणा की है। जनवरी, 2021 में राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 3 प्रतिशत की दर से डीए दिया जाएगा।
गुरुवार को तृणमूल समर्थित कर्मचारी फडरेशन के साथ एक बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने उक्त घोषणा की। सीपीएम और भाजपा समर्थित कर्मचारी संगठनों ने डीए के इस दर से असंतुष्टि जाहिर की है। जबकि तृणमूल समर्थित कर्मचारी संगठनों ने सीएम की इस घोषणा पर मिश्रित प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
डीए को लेकर सालों से राज्य सरकार और विभिन्न श्रमिक संगठनों के बीच गतिरोध चल रहा था। राज्य प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (एसएटी) ने इस मामले में उच्च न्यायालय में कई बार मामले भी दायर किया। लेकिन कोई हल नहीं निकला।
हालांकि बाद में राज्य सरकार ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने की घोषणा की। लेकिन इस घोषणा में डीए की दर कम थी। अब मुख्यमंत्री ने तीन प्रतीशत डीए की घोषणा की है, जिसे लेकर बैठक में उपस्थित तृणमूल समर्थित कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने खुशी व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राज्य सरकार पर 2,000 करोड़ का अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा।
हालांकि सरकार की इस घोषणा पर सीपीएम समर्थित श्रमिक संगठन कोऑर्डिनेशन कमेटी ने असंतोष जाहिर किया है। संगठन के प्रदेश महासचिव विजय शंकर सिंह ने कहा, ‘हमें 2011 से केंद्रीय दर पर डीए नहीं मिला है। साल में एक बार डीए की घोषणा की जाती है। नतीजतन, बकाया डीए की राशि हर साल बढ़ती है। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद भी उन्होंने इस अंतर को पूरा नहीं किया है। फिलहाल कम से कम डीए 21 प्रतिशत बकाया है। जनवरी तक यह 24 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। अब वहीं मुख्यमंत्री केवल 3 प्रतिशत की घोषणा कर रही हैं। विजय शंकर ने कहा, न केवल केंद्र सरकार के कर्मचारी, बल्कि अन्य राज्य सरकारों के कर्मचारियों को भी नियमानुसार डीए मिल रहा है। हम पूरी डीए की अपनी मांग पर अड़े हैं।
गौरतलब है कि भाजपा समर्थित श्रमिक संगठन, राज्य सरकार कर्मचारी परिषद के राज्य संयोजक देवाशीष शील ने कहा, अगले साल चुनाव है, इसलीए हमें भीख दिया गया है। पिछले 1 साल से डीए नहीं दिया गया है। जनवरी 2021 तक एरियर 24 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। इसलिए 3 प्रतिशत डीए की घोषणा करना कर्मचारियों के साथ मजाक है।
हालांकि इस घोषणा पर तृणमूल समर्थित फडरेशन के नेताओं में भी एकमत नहीं दिखी। फडरेशन के एक वरिष्ठ नेता मनोज चक्रवर्ती ने कहा, बैठक में फडरेशन की ओर से डीए के बारे में मांग ही नहीं की गई। यदि मांग की जाती तो डीए की दर में और वृद्धि हो सकती थी।
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