28/12/2020,12:33:03 PM.
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कोलकाताः सारदा चिटफंड मामले में भाजपा ने अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। भाजपा के पश्चिम बंगाल के केंद्रीय सह प्रभारी और आइटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने 23 दिसंबर को सीबीआई के सारदा चिट फंड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि सीएम ममता बनर्जी की बनाई पेंटिंग्स की खरीदारी सारदा समूह ने की थी, लेकिन कभी भी उसकी जांच नहीं की गई।
इस बारे में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से भी बार-बार हिसाब मांगा गया है, लेकिन स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम, कुणाल घोष और सुदीप्त सेन के बीच अच्छे संबंध थे। अमित मालवीय ने सोमवार को ट्वीट किया, “23 दिसंबर को सीबीआई ने सारदा चिट फंड घोटाले पर कोर्ट में याचिका दायर की। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी की जांच में पता चला है कि राज्यसभा के के पूर्व सांसद व सारदा मामले के आरोपी कुणाल घोष पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और सारदा ग्रुप के प्रमोटर सुदीप्त सेन के बहुत अच्छे संबंध थे। उन्होंने ट्वीट किया, सारदा के एक कर्मचारी सफीकुर रहमान ने खुलासा किया कि … “घोष सारदा के प्रमोटर … (सारदा प्रमोटर) सेन को विभिन्न दुर्गा पूजा समितियों को पैसे देने के लिए निर्देश दिया करते थे और “जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने विधानसभा का चुनाव लड़ा था, तो सेन को भवानीपुर, कोलकाता की पूजा को प्रायोजित करने के लिए मजबूर किया गया था। ”
अमित मालवीय ने ट्वीट किया, “सीबीआई की दलील से पता चलता है कि “प्रति माह 27 लाख रुपये की दर से 6.21 करोड़ का भुगतान सीएम के राहत कोष से लेकर तारा टीवी को किया गया था, जो मई 2013 से अप्रैल 2015 तक सारदा समूह का हिस्सा था। पश्चिम बंगाल के सीएस ने बार-बार किए गए प्रयासों के बावजूद अधूरे जवाब दिए हैं। उन्होंने लिखा, महान चित्रकार ममता बनर्जी के चित्रों को 2011-13 में नीलाम किया गया था और सारदा और अन्य पोंजी कंपनियों द्वारा खरीदा गया था, लेकिन कभी भी जांच नहीं की गई थी। स्पष्ट है कि ‘पिषी’ ( बुआ) खुद सारदा घोटाले में उलझी हुई हैं। कुणाल घोष के रिकार्ड भी कुछ यही कहते हैं।”
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