22/10/2023,8:52:48 PM.
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कोलकाताः पूरे कोलकाता में दुर्गा पूजा को लेकर उल्लास और उमंग का माहौल है। दुर्गा पूजा विधिवत रूप से सप्तमी के दिन से शुरू होती है लेकिन कोलकाता में माहल्या के दिन से ही खास कर बड़े पूजा मंडपों को दर्शनार्थियों के लिए खोल दिया गया था जिससे वहां लोग उमड़ने लगे थे। लेकिन इस चकाचौंध के बीच कोलकाता में ऐसी दुर्गा पूजा भी होती है, जहां आम लोग देखने नहीं जाते हैं, लेकिन जो लोग यह पूजा करते हैं, यह उनके लिए खास मौका है। यह इसलिए खास है क्योंकि इसके लिए उन्हें कलकत्ता हाई कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़नी पड़ी थी। यह दुर्गा पूजा है शोभा बाजार के सोनागाछी इलाके का। वही सोनागाछी, जो कोलकाता ही नहीं, पूरे देश में एक बड़े और प्रमुख रेडलाइट इलाके रूप में अपनी पहचान रखता है। जब प्रशासन से दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं मिली तो सोनागाछी की सेक्स वर्करों के हित में काम करने वाली संस्था दुर्वार महिला समन्वय कमेटी कलकत्ता हाई कोर्ट गई और पूजा करने का अधिकार मांगा।
इस संबंध में दुर्वार महिला समन्वय कमेटी की सचिव विशाखा लस्कर ने बताया कि प्रशासन हमें दुर्गा पूजा की अनुमति नहीं दे रहा था। तब हम 2013 में हाई कोर्ट गये। हाई कोर्ट के कई जजों ने सोनागाछी आकर देखा कि कहां पूजा हो सकती है। उनके साथ पुलिस और जनप्रतिनिधि भी थे। हाई कोर्ट ने हमें मस्जिद बारी स्ट्रीट में पूजा करने की अनुमति दी।
बहरहाल समाज की मुख्य धारा से कटी हुई सेक्स वर्करों के लिए दुर्गा पूजा के ये अवसर खास होते हैं, जब वे आम लोगों की तरह ही आनंद और उल्लास के पल जी सकती हैं। पहले उनके पास देवी दुर्गा को पुष्पांजिल देने का अवसर नहीं था, लेकिन अब वे मां दुर्गा की पूजा में शामिल होती हैं, प्रसाद चढ़ाती हैं, और उसे ग्रहण भी करती हैं। विशाखा ने बताया कि पूजा का प्रसाद कोलकाता में 12 जगहों में जाकर यौनकर्मियों के बीच वितरित किया जाता है। सोनागाछी की सेक्स वर्करों के बच्चों के लिए भी यह दुर्गा पूजा खुशी और उमंग का अवसर लेकर आयी है। पूजा पंडाल में बच्चों द्वारा बनाये गये चित्रों की प्रदर्शनी भी लगाई गयी है।
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