हाथरस के बहाने ममता कोलकाता की सड़कों पर उतरीं, कहा- भगवा पार्टी एक महामारी

03/10/2020,7:54:29 PM.

कोलकाताः हाथरस घटना के बहाने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार कोलकाता की सड़कों पर रैली में शामिल हुईं और इस तरह से उन्होंने राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव के प्रचार की औपचारिक शुरुआत कर दी है। उन्होंने हाथरस की घटना के साथ सिंगूर की घटना का भी मिलान किया। सिंगूर आंदोलन ही ममता को पश्चिम बंगाल में सत्ता तक पहुंचाया था।

शनिवार शाम चार बजे तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के नेतृत्व में बिड़ला तारामंडल से गांधी प्रतिमा तक जुलूस निकाला गया। विरोध स्वरूप ममता के हाथ में काला कपड़ा था। गांधी प्रतिमा पर पहुंचकर तृणमूल सुप्रीमो ने विरोध मंच से भाषण दिया। इस दौरान ममता ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा हिंसा और अराजकता पैदा करना चाहती है। उत्तर प्रदेश में न्याय को कुचला गया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तनाशाही चलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि भगवा पार्टी एक ‘महामारी’ है, जो दलितों पर सबसे ज्यादा जुल्म कर रही है।

हाथरस में हुई घटना और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा तत्काल अंतिम संस्कार की कड़ी निंदा करते हुए ममता ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसदों को गैर कानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है। योगी सरकार ने रात के अंधेरे में परिवार की सहमति की बगैर लड़की की चिता को आग लगा दी। पत्रकारों को भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। ममता ने कहा कि पूरा देश देख रहा है कि उत्तर प्रदेश में क्या हो रहा है। उन्होंने हाथरस की घटना के साथ सिंगूर की घटना का भी मिलान किया। हाथरस में जो हुआ वह सिंगुर में हुआ। उन्होंने दिल्ली हिंसा का हवाला देते हुए केंद्र और भाजपा पर भी हमला किया। उन्होंनेे कहा कि कोई नहीं जानता कि दिल्ली हिंसा में कितने लोग मारे गए। भाजपा शासित राज्य में दलितों पर अत्याचार होता है। सबसे बड़ी कट्टरपंथी भाजपा है। आज रोक लिए लेकिन एक दिन देखेंगे। एक दिन हम पीड़ित के परिवार से मिलेंगे।

हाल ही में भाजपा ने पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में बार-बार सवाल खड़ा किया है। इस पर ममता ने अपने जवाब में कहा कि बंगाल में कानून और व्यवस्था खराब नहीं है। भाजपा देश का शर्म है। मुझे एक दिन मरना ही है लेकिन मैं भाजपा से नहीं डरती। केंद्र की नई खाद्य नीति की तीखी निन्दा की।

उन्होंने कहा कि आवश्यक उत्पादों में कोई दाल, आलू, चावल या तेल नहीं हैं। देश में तानाशाही चल रही है। कोई विपक्षी पार्टी नहीं बोल सकती। इसके अलावा, ममता ने केंद्र की औद्योगिक नीति की भी निंदा की। किसी के जीवन की कोई सुरक्षा नहीं है, सिर्फ फेक न्यूज फैल रही है। उन्होंने कहा कि एक के बाद एक सरकारी कंपनी बेची जा रही है।
दूसरी ओर, हाथरस कांड के विरोध में वामपंथी और कांग्रेस के छात्रों, युवाओं और महिला संगठनों ने शाम चार बजे मौलली से धर्मतल्ला तक मार्च निकाला।

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