10/07/2020,5:08:48 PM.
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नई दिल्ली (एजेंसी)। इंग्लैंड की मेजबानी में वर्ष 2019 में खेले गए एकदिवसीय विश्व कप में आज का दिन भारतीय खेल प्रेमियों के लिए काफी दुखद रहा था। 09 जुलाई 2019, की यह वह तारीख है, जिस दिन तक समूचे हिंदुस्तान को उम्मीद थी कि भारत 2019 विश्व कप के फाइनल में पहुंच जाएगा, लेकिन 10 जुलाई की तारीख की रात पूरा देश रोया था, क्योंकि बारिश की वजह से दो दिनों तक चले इस सेमीफाइनल में भारत को दिल तोड़ने वाली हार मिली थी। भारतीय खेल प्रेमी इस हार को कभी याद नहीं रखना चाहेंगे। इस विश्व कप में भारत का प्रदर्शन मिला जुला रहा था।
इस मैच में न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। 09 जुलाई को न्यूजीलैंड की टीम ने पहले खेलते हुए 46.1 ओवर में 211 रन बनाए थे। हालांकि, इसके बाद बारिश ने खलल डाला और मैच शुरू नहीं हो सका। ऐसे में बाकी का मैच रिजर्व डे यानी 10 जुलाई को हुआ। न्यूजीलैंड की टीम ने 50 ओवर खेलकर 8 विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए थे।
240 रन के टारगेट का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को दूसरे तीसरे और चौथे ओवर में लगातार तीन झटकों रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल के रूप में लगे जो 1-1 रन बनाकर आउट हो गए। इस तरह भारतीय टीम पर दबाव आ गया। इसके बाद दिनेश कार्तिक ने युवा रिषभ पंत के साथ पारी को आगे बढ़ाया और 9 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया, लेकिन पहले पावरप्ले के आखिरी ओवर में मैट हेनरी ने कार्तिक को नीशम के हाथों कैच आउट करा दिया। भारत का स्कोर 4 विकेट के नुकसान पर 9.4 ओवर में 24 रन था। महज 10 ओवर में 5 विकेट गिरने के बाद सभी को भरोसा था कि एमएस धोनी अब विकेट संभालने के लिए मैदान पर आएंगे, लेकिन इस बार भी पवेलियन से हार्दिक पांड्या आए। क्रीज पर दो कम अनुभव वाले खिलाड़ी रिषभ पंत और हार्दिक पांड्या थे। दोनों ने पारी को आगे बढ़ाया और संभलकर खेल रहे थे, लेकिन रन गति को बढ़ाने के चक्कर में खराब शॉट खेलकर रिषभ पंत 32 रन पर आउट हो गए, लेकिन अब धोनी क्रीज पर आ चुके थे।
धोनी ने हार्दिक के साथ बल्लेबाजी की, लेकिन हार्दिक पांड्या भी 32 रन बनाकर आउट हो गए। टीम के 6 विकेट गिर चुके थे और स्कोर 92 रन था। यहां से अनुभवी बल्लेबाज धोनी ने रवींद्र जड़ेजा के साथ सातवें विकेट के लिए बल्लेबाजी करते हुए पहले भारत के स्कोर को 100 के पार, फिर 150 के पार और फिर 200 के पार भेजा। यहां से मुकाबला लगभग बराबरी पर पहुंच चुका था, लेकिन जडेजा 77 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर आउट हो गए।
इसके बाद धोनी ने भुवनेश्वर के साथ पारी को आगे बढ़ाया, लेकिन मैच के रोमांचक मोड़ पर कुछ पल गेंद पर नजर बनाए रखने के कारण धोनी मार्टिन गुप्टिल के एक सीधे थ्रो पर रन आउट हो गए। धोनी 50 रन पूरा कर चुके थे और मैच जिता सकते थे, लेकिन गेंद को देखने के चक्कर में वे क्रीज से कुछ इंच पीछे रह गए और इसके बाद भारत 221 रन ऑल हो गया और मैच 18 रन से हारकर विश्व कप से बाहर हो गया। इस हार के साथ ही पूरे देश की उम्मीदों पर पानी फिर गया, जबकि धोनी ने उसके बाद से अब तक कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला।
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