सूक्ष्म तरंगों से अमेरिकी राजनयिकों के दिमाग पर हमले से बाइडन नाखुश

25/05/2021,8:21:23 PM.

वॉशिंगटन। अमेरिका के राजनयिक, जासूस और सैन्य कर्मियों के दिमाग पर अदृश्य सूक्ष्म तरंगों (माइक्रोवेव) व रेडियो तरंगों से हमला देश के लिए चुनौती बनता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों में इस तरह के हमलों में तेजी आई है। वैज्ञानिकों और अधिकारियों पर हमले कौन कर रहा है, अभी तक इसका पता नहीं चला है।

जानकारों का मानना है कि अगर इस तरह के हमलों में अमेरिकी विरोधी ताकत का हाथ होता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई करने से अमेरिका पीछे नहीं हटेगा। इन घटनाओं को लेकर अमेरिका हरकत में आ गया है।

फिलहाल बाइडन प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रभावित लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने की बात कह रहा है। ऐसे हमले का पहला मामला क्यूबा स्थित अमेरिकी दूतावास में वर्ष 2016 में दर्ज किया गया था। इसलिए इसे हवाना सिंड्रोम नाम दिया गया है। एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि अब तक ऐसे 130 मामले सामने आ चुके हैं। दर्जनों मामले तो पिछले वर्ष ही दर्ज किए गए हैं। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद इन हमलों की जांच कर रही है। जिन लोगों पर यह हमला हुआ है, उन्होंने सिरदर्द और चक्कर आने की बात डॉक्टरों से कही है। कुछ ने हमले से पहले तेज आवाज सुनाई देने की बात भी बताई है।

वाशिंगटन में कम से कम ऐसी दो घटनाओं का पता चला है। इनमें से एक हमला पिछले वर्ष नवंबर में व्हाइट हाउस के पास का है। इसकी चपेट में आए एक अधिकारी ने हमले के बाद चक्कर आने की बात कही। ट्रंप प्रशासन के अंतिम महीनों के दौरान कार्यवाहक रक्षा मंत्री क्रिस मिलर ने इन हमलों की जांच के लिए पेंटागन के अधिकारियों की एक टीम बनाई थी। बता दें कि मिलर ने इस तरह के हमले से पीडि़त एक सैनिक से मिलने के बाद जांच का आदेश दिया था।

Spread the love

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *