14/09/2020,12:41:51 PM.
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कोलकाताहिंदी.कॉम
कोलकाताः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी दिवस पर सोमवार को हिंदीभाषियों और इससे जुड़े लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही उन्होंने यह बताया है कि उनकी सरकार ने अब तक हिंदी भाषा के उत्थान के लिए क्या-क्या किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दो ट्वीट कर कहा कि बंगाल एक समावेशी राज्य है और हमनें निरंतर प्रयास के तहत रवींद्रनाथ ठाकुर के अनेकता में एक एकता मूल्य को गर्व से समाहित किया है। पश्चिम बंगाल सरकार ने हिंदी शिक्षा, संस्कृति और समुदाय के कल्याण के लिए कई सारे उपक्रम किए हैं।
ममता ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार हिंदी, उर्दू, गुरुमुखी, ऑलचिकी, कामतापुरी, राजबंशी, कुरुख आदि भाषाओं के विकास के लिए निरंतर दृढ़ रही है। साथ ही ममता ने केंद्र से अपील की है कि वह एनईपी 2020 में बांग्ला को शास्त्रीय भाषा के रूप में शामिल करे।
GoWB has constantly persevered to undertake inclusive development for all by giving recognition to Hindi, Urdu, Gurmukhi, Ol Chiki, Rajbanshi, Kamtapuri, Kurukh languages. I urge the Centre to follow suit by also including Bengali as a classical language in NEP 2020. (2/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 14, 2020
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल चुनाव में हिंदीभाषी वोटरों का काफी महत्व बढ़ गया है। इस समुदाय को खासकर वाममोर्चा ने काफी उपेक्षा की थी लेकिन बंगाल में भाजपा की धमक के साथ आगमन ने हिंदी भाषी मतदाताओं की अहमियत को बढ़ा दिया है। नरेंद्र मोदी और उग्र हिंदुत्व की वजह से यह माना जाता है कि बंगाल के हिंदीभाषी जनता अब भाजपा की तरफ मुड़ गई है। पहले इसे कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता था। बहरहाल शुरू में ममता ने इस पर ध्यान नहीं दिया था लेकिन अब उन्होंने यह समझ लिया है कि कोलकाता और आसपास के औद्योगिक अंचलों, आसनसोल-दुर्गापुर शिल्पांचल और उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी समेत दार्जिलिंग, अलीपुदुआर जिलों में सीटें बचाने और जीतेने के लिए हिंदीभाषियों के वोट की जरूरत है।
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