11/12/2020,10:25:55 PM.
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कोलकाताः भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर गुरुवार को हुए हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब किया था। इसके जवाब में राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी ने गृह मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर दिल्ली नहीं आने की फरियाद लगाई है। साथ ही दावा किया है कि नड्डा की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था की गई थी।
पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर के दौरे के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले और भाजपा नेताओं पर हमले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी को रिपोर्ट तलब की है जिसके बाद बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर पूरी रिपोर्ट दी है। साथ 14 दिसंबर को गृह मंत्रालय में उपस्थिति से छूट देने की फरियाद भी की है। दरअसल भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के मद्देनजर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी और डीजीपी वीरेंद्र को तलब किया हा है। उन्हें 14 दिसम्बर को अपराह्न सवा 12 बजे केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिल्ली स्थित कार्यालय में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है।
पश्चिम बंगाल के सीएस अलापन बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में कहा कि जेपी नड्डा की जेड प्लस की सुरक्षा के मद्देनजर पर्याप्त सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी। बंगाल पुलिस ने उन्हें पायलट कार के साथ एक बुलेट प्रूफ वाहन उपलब्ध कराया था। डीआइजी स्तर के पुलिस अधिकारी खुद ही पूरी स्थिति की निगरानी कर रहे थे। केंद्रीय सुरक्षा कर्मियों और व्यक्तिगत सुरक्षा गार्डों के अलावा, चार अतिरिक्त राज्य पुलिस अधीक्षक, आठ उप पुलिस अधीक्षक, 14 निरीक्षक, 70 पुलिस अधिकारी, 40 आरएएफ जवान, 259 पुलिस कांस्टेबल और 350 नागरिक स्वयंसेवक तैनात किए गए थे। वाहनों के सुरक्षा घेरे में घुसने के कारण गड़बड़ी हुई, क्योंकि सुरक्षा व्यवस्था काफिले की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की गई थी। इस मामले में बंगाल पुलिस ने उस्ती और पलता पुलिस थानों में दो मामले दर्ज किए हैं और सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। अन्य रिपोर्ट भी तलब की गई है और उन्हें सूचीबद्ध किया जा रहा है।
कानून-व्यवस्था स्टेट सब्जेक्ट, केंद्र को हस्तक्षेप का अधिकार नहीं : तृणमूल
दूसरी ओर, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा राज्य के सीएस और डीजीपी को तलब किए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य सरकार का विषय है। इस मामले में केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने का कोई भी अधिकार नहीं है। केंद्र सरकार संघीय व्यवस्था में हस्तक्षेप कर रही है और राज्य के मामले में हस्तक्षेप कर रही है।
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