नेताजी के पौत्र ने लगाया राष्ट्रपति भवन में पोर्ट्रेट विवाद पर विराम

25/01/2021,10:01:45 PM.

टीएमसी-कांग्रेस और अन्य आलोचकों को ट्वीट डिलीट कर मांगनी पड़ी माफी

कोलकाता (एजेंसी) । नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राष्ट्रपति भवन में रामनाथ कोविंद द्वारा नेताजी बोस के पोर्ट्रेट के अनावरण को लेकर शुरू हुए विवाद पर सोमवार को आखिरकार विराम लग गया है। नेताजी के पौत्र चंद्र कुमार बोस ने उनकी ओरिजिनल तस्वीर शेयर कर स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति भवन में जो पोर्ट्रेट लगाया गया है वह ओरिजिनल है न की किसी अभिनेता का। इसके बाद राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी), कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं को इस मामले पर विवाद खड़ा करने के लिए ट्वीट डिलीट करना पड़ा और माफी भी मांगनी पड़ी है। इस तस्वीर को लेकर सोशल मीडिया पर काफी विवाद चल रहा था। दावा किया जा रहा था कि यह पोर्ट्रेट अभिनेता प्रसेनजित का है, जिन्होंने एक फिल्म में नेताजी बोस का किरदार निभाया था।

ऐसा दावा करने वालों में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा समेत पार्टी के कई नेता शामिल थे। सबसे पहले मोइत्रा ने ही अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया था कि यह पोर्ट्रेट अभिनेता प्रसेनजित का है। इसके बाद सोशल मीडिया पर इसे तेजी से शेयर किया जाने लगा। जब कुछ हैंडलर्स ने ऐसे आरोपों पर काउंटर करना शुरू किया तो एक अलग तरह का विवाद खड़ा हो गया। कई यूजर्स ने इन आरोपों के जवाब में नेताजी के पौत्र चंद्र कुमार बोस का पिछले साल किया गया एक ट्वीट कोट करना शुरू कर दिया जिसमें बोस ने मूल पोर्ट्रेट को शेयर करते हुए नेताजी को श्रद्धांजलि दी थी। इसके अलावा मशहूर पेंटर परेश मैती का संदर्भ भी दिया गया। पद्मश्री से सम्‍मानित बंगाल निवासी मैती ही वह कलाकार हैं, जिन्‍होंने यह पोर्ट्रेट बनाया है।

हालांकि, सच्चाई सामने आने के बाद महुआ मोइत्रा ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। इनके अलावा बंगाल कांग्रेस ने भी अपना ट्वीट डिलीट किया जबकि कांग्रेस के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता जयवीर शेरगिल ने भी ट्वीट डिलीट कर माफी मांग ली है। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों ने कहा कि यह पेंटिंग राष्ट्रपति भवन में बनाई गई थी।

क्या लिखा चंद्र कुमार बोस ने
इस विवाद पर विराम लगाते हुए चंद्र कुमार बोस ने सोमवार अपराहन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की वह ओरिजिनल तस्वीर साझा की जिसे देखकर मैती ने पोर्ट्रेट बनाई है। उन्होंने लिखा, “यही नेताजी की वह ओरिजिनल तस्वीर है जिसे देखकर कलाकार मैती ने राष्ट्रपति भवन में लगाने के लिए पोर्ट्रेट बनाई है।’ इसके बाद इस पूरे विवाद पर विराम लग गया और आलोचना करने वालों ने अपने-अपने ट्वीट डिलीट कर लिए हैं।

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