12/07/2020,5:06:54 PM.
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कोलकाताः पश्चिम बंगाल सरकार ने कोविड-19 संक्रमण के तेज रफ्तार पर रोक लगाने के लिए यूरोप से उन्नत जांच उपकरण मंगवाया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने रविवार को इसकी पुष्टि की है। इसमें बताया गया है कि नई मशीन एक दिन में एक लाख कोरोना नमूनों की जांच करेगी।
कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलने को ध्यान में रखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने कोविड-19 के नमूनो की जांच संख्या बढ़ाने का फैसला किया है। अपने इस लक्ष्य प्राप्त करने के लिए राज्य सरकार ने यूरोप की एक कंपनी से उन्नत जांच उपकरण मंगवाया है। कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या बढ़ने के साथ ही नमूनों की जांच की संख्या भी बढ़ाना अनिवार्य हो गया है। इस लिए नोवेल कोरोना वायरस की जांच के लिए कोबस 6800/8800 सिस्टम नामक विकसित उपकरण जलमार्ग से लाया जा रहा है। लॉकडाउन की वजह से उपकरणों के आने में देरी हो रही है, लेकिन जल्द ही उसके यहां पहुंचने की उम्मीद है।
उक्त उन्नत जांच उपकरण उत्तर बंगाल और कोलकाता के अस्पतालों में स्थापित किए जाएंगे। इस उपकरण की क्षमता एक दिन में एक लाख कोरोना वायरस के नमूनों की जांच की है। उक्त अधिकारी के अनुसार अभी प्रत्येक दस हजार कोरोना के नमूनों की जांच पर दो से ढाई करोड़ रुपये खर्च होते हैं। उक्त आधुनिक उपकरण स्थापित होने के बाद जांच पर होने वाला खर्च कम हो जाएगा। इस बीच कलकत्ता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में तकनीशियन को उक्त उपकरण के संचालन करने का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। उक्त अधिकारी ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंटरिक डिजीज (एनआईसीईडी) के कुछ तकनीशियन को कोबास सिस्टम संचालन करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावा कलकत्ता स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के कुछ तकनीशियन को प्रशिक्षित किया जा रहा है। माना जा रहा है कि इस अत्याधुनिक उपकरण के आ जाने के बाद कोरोना का संक्रमण रोकने में मदद मिलेगी।
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